Kerala Blast: केरल में धमाके को अंजाम देने वाला शख्स डॉमिनिक मार्टिन कोच्चि के थम्मनम इलाके का रहने वाला है. पिछले दो दिनों से उसके घर के आस-पास एक अलग ही हलचल है. मार्टिन जिस घर में रहता था, उसके मालिक जलील बीए ने कहा कि उसे अभी तक यकीन नहीं हो रहा है कि मार्टिन ऐसा कुछ कर सकता था. जलील के दो मंजिला घर में मार्टिन फर्स्ट फ्लोर पर रहा करता था. कंवेंशन सेंटर में हुए धमाके में 3 लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 लोग घायल हैं.


जलील ने बताया कि मार्टिन, अपनी पत्नी और बेटे के साथ उसके यहां पिछले साढ़े पांच साल से किराए पर रह रहा था. उसने आगे बताया कि पहले वह घर से दो किलोमीटर दूर अंजूमूरी में इंग्लिश स्पीकिंग क्लास चलाता था. जलील ने बताया, 'वह स्पोकन इंग्लिश का ट्यूटर था. वह बहुत ज्यादा नहीं बोलता था, लेकिन हमेशा खुश रहता था. उसने कभी भी अपने धर्म को लेकर कोई बात नहीं की. मगर मुझे सिर्फ इतना मालूम था कि मार्टिन का परिवार ईसाई धर्म को मानता है.'


मार्टिन के परिवार के लोग क्या करते हैं?


वहीं, मार्टिन की पत्नी और बेटी अभी भी घर में ही हैं, लेकिन वह किसी से बात नहीं करना चाहती हैं. जलील ने बताया कि दो साल पहले मार्टिन ने अपना कोचिंग सेंटर बंद किया और दुबई काम के लिए चला गया. उन्होंने बताया, 'मार्टिन ने मुझसे कहा कि उसे वहां एक प्राइवेट कंपनी में फोरमैन की नौकरी मिली है. उसका परिवार यहीं रह रहा था. उसकी पत्नी घर पर ही रहती है, ,जबकि उसकी बेटी कोच्चि में एक आईटी कंपनी में काम करती है. एक साल पहले उसका बेटा पढ़ाई के लिए ब्रिटेन चला गया. परिवार ने हमेशा समय पर किराया दिया है, क्योंकि मार्टिन समय पर पैसे भेजता रहा है.'


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल ब्लास्ट का आरोपी दो महीने पहले ही दुबई से केरल आया था. उसकी बेटी को डेंगू हो गया था, जिसकी वजह से उसे कोच्चि के एक अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. यही वजह थी कि वह दुबई से घर आ गया. जलील ने कहा, 'कुछ दिन पहले ही उसकी बेटी डेंगू से ठीक हुई है, लेकिन जब मैंने मार्टिन से पूछा कि क्या वह फिर से दुबई जाने वाला है. इस पर उसने कहा कि उसका ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है.'


परिवार ज्यादा मिलता-जुलता नहीं था


स्थानीय पार्षद सकीर थम्मनम ने एक बार मार्टिन की पत्नी का आधार कार्ड अपडेट करने में उसकी मदद की थी. सकीर ने बताया कि मार्टिन की पत्नी ने उससे कहा कि वह दुबई से लौटने के बाद शहर में ही एक दुकान खोलना चाह रहा है. लेकिन ये परिवार यहां पर किराए पर रह रहा था, इसलिए हमें उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. वे लोग ज्यादा मिलना-जुलना भी पसंद नहीं करते थे. 


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