Ganesh Festival At Idgah Maisan: बेंगलुरु (Bengaluru) के एक मैदान में गणेश चतुर्थी पूजा की अनुमति के लिए हाई कोर्ट (High Court) के आदेश के खिलाफ कर्नाटक वक्फ बोर्ड (Karnataka Waqf Board) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. वक्फ बोर्ड ने कहा है कि मैदान उसकी संपत्ति है. वहां 1964 से ईद की नमाज़ हो रही है. वहां पूजा से सांप्रदायिक तनाव हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यू यू ललित (Supreme Court Chief Justice U U Lalit) ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करने के लिए आश्वासन दिया है.


26 अगस्त को कर्नाटक हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से यह कहा था कि वह चमाराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी पूजा की अनुमति मांग रहे लोगों के आवेदन पर नियमों के मुताबिक विचार करे. इससे पहले हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने ज़मीन को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. 


राज्य सरकार ने वक्फ बोर्ड के दावे को बताया विवादित


इसे चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने मैदान पर वक्फ बोर्ड के दावे को विवादित बताया था. सरकार का कहना था कि उसे पूजा की अनुमति देने पर विचार करने से नहीं रोका जा सकता. इसके बाद कर्नाटक वक्फ बोर्ड की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने चीफ जस्टिस यू यू ललित और रविंद्र भाट की बेंच के सामने मामला रखा. 


'गणेश चतुर्थी से पहले हो मामले की सुनवाई'


सिब्बल ने कहा कि 6 दशक से अधिक समय से उस मैदान पर ईद की नमाज अदा हो रही है. अब अगर वहां पूजा की अनुमति दी गई, तो इससे सांप्रदायिक तनाव हो सकता है. उन्होंने कहा कि 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी की पूजा है, उससे पहले मामले को सुना जाना जरूरी है. इस पर कोर्ट ने उन्हें आश्वासन दिया कि मामला मंगलवार यानी 30 अगस्त को सुना जाएगा.


ये भी पढ़ें- Namaz Controversy: घर पर सामूहिक नमाज़ पढ़ने पर छिड़ा विवाद, असदुद्दीन ओवैसी बोले-...तो क्या सड़क पर पढूं


ये भी पढ़ें- Congress On Azad: आखिर क्यों हर मिनट अपने विश्वासघात को सही ठहरा रहे हैं? गुलाम नबी आजाद के वार पर कांग्रेस का प्रहार