Amit Shah Bihar Visit: बिहार में सियासी हलचल कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है और लालू यादव (Lalu Yadav) की आरजेडी (Rashtriya Janta Dal) के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार बना ली है. वहीं अब बिहार में बीजेपी अपने संगठन को मजबूत करने में जुट गई है.


बिहार में अब कमान बीजेपी के हाथों में नहीं है, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं ने संगठन को मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सितंबर के दूसरे हफ्ते में बिहार का दौरा कर सकते हैं. बीजेपी के एक नेता ने बताया कि पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह 23-24 सितंबर को बिहार के सीमांचल क्षेत्र का दौरा करेंगे.


बीजेपी नेता ने बताया, “गृह मंत्री अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत पूर्णिया और किशनगंज जिलों का दौरा करेंगे. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के कार्यक्रम के अलावा उनकी जनसभाएं भी निर्धारित हैं.”


बिहार को लेकर दिल्ली में हुई थी बैठक


बिहार की राजनीति में हुए बदलाव के बीच बीजेपी (BJP) ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली में मंथन किया था. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) के अलावा बिहार बीजेपी के सभी प्रमुख नेता मौजूद थे.


बीजेपी से फिर अलग हुए नीतीश


गौरतलब है कि बिहार में एक बार फिर से भाजपा और जदयू का गठबंधन टूट गया है. आंकड़ों के हिसाब से देखें, तो 26 साल के साथ में ये दूसरी बार है जब नीतीश भाजपा से अलग हुए हैं. नीतीश साल 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब से लेकर अब तक सात बार वह इस पद पर रह चुके हैं. इनमें से पांच बार शपथ के दौरान भाजपा उनकी सहयोगी थी. 


बिहार विधानसभा का मौजूदा समीकरण


बिहार में नई सरकार के गठन के बाद समीकरणों का बदलना तय था. आरजेडी के एक विधायक के निधन की वजह से बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 243 से घटकर 242 रह गई है. जिसमें बीजेपी के पास 77, आरजेडी के पास 79, जेडीयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एम-एल) के पास 12, सीपीआई के पास 4, एचएएम के पास 4, एआईएमआईएम के पास 1 और एक निर्दलीय विधायक है.


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