B20 Conference: केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार (1 सितंबर) को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित होटल रेडीसन में दो दिवसीय बी-20 इंटरनेशनल एयरोस्पेस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनियाभर की एयरोस्पेस कंपनियों को भारत में निवेश करना चाहिए. यह कॉन्फ्रेंस, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा नागर विमानन मंत्रालय की कोलोब्रेशन से आयोजित की जा रही है.


देश-विदेश के विमानन प्रतिनिधियों, वहां मौजूद मेहमानों, उद्योगपतियों और मंत्रियों की मौजूदगी में कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने एयरोस्पेस के उत्पादन और उद्योग संभावनाओं को लेकर 'मेक इन एमपी' का आह्वान किया.   
 
याद किया ग्वालियर के उड्डयन क्षेत्र का स्वर्णिम इतिहास
उन्होंने ग्वालियर के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्वालियर में 1937 में फ्लाइंग बोट सर्विस हुआ करती थी, जो इंग्लैड और ऑस्ट्रेलिया के बीच उड़ती थी. आजादी से कई साल पहले की ग्वालियर से भारत के कई शहरों में फ्लाइट उड़ती थी. आजादी से पहले ग्वालियर में नॉर्थ इंडियन ट्रांसपोर्ट कंपनी काम करती थी, जो न सिर्फ मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ती थी, बल्कि पूरे पूर्वी भारत के कई शहरों की यातायात की सुविधा देती थी.
 
सबसे कम समय में पूरा होगा ग्वालियर एयरपोर्ट
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्वालियर में बन रहे नए टर्मिनल की आधारशिला पिछले साल गृह मंत्री अमित शाह ने रखी थी. उन्होंने कहा की ग्वालियर हवाईअड्डे पर 500 करोड़ रुपये की लागत से ढाई लाख स्क्वायर फीट में चार एयरोब्रिज के साथ डोमेस्टिक टर्मिनल का निर्माण हो रहा है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी विश्वास दिलाया कि यह टर्मिनल भवन भारत के इतिहास में सबसे कम रिकॉर्ड समय (15 महीने) में तैयार होगा.
 
बिना किसी के मदद के चांद तक पहुंचे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 'मेक इन इंडिया' के उदय के बाद से विकास की नई धारा बह रही है. विकास के नए-नए कीर्तिमान लिखे जा रहे हैं. 20 साल पहले हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि हम फाइटर जेट बना सकते हैं, लेकिन आज हम बिना किसी की मदद के अपनी आत्मनिर्भरता के बल पर चांद पर अपना झंडा फहरा रहे हैं.
 
भारत में निवेश करने का सही समय
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सही समय है कि पूरे विश्व की एयरोस्पेस कंपनियां भारत में निवेश करें. देश की आजादी के बाद 70 सालों में 74 एयरपोर्ट बने थे. वहीं, पिछले 9 सालों में यह आंकड़ा दोगुना हो चुका है. अब देश में 148 एयरपोर्ट हैं और अगले 2-3 साल में हम 200 एयरपोर्ट का आंकड़ा को छू लेंगे. उन्होंने कहा कि देश में 2014 में केवल 200 हवाई जहाज थे, अब यह आंकड़ा बढ़कर 700 पहुंच चुका है.  देश में जहां भी जरूरत है, वहां सरकार प्राथमिक सुविधाओं का विकास कर रही है. 


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