Jawaharlal Nehru University: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा है कि जेएनयू मुफ्त के भोजन-आवास की सुविधा भोगने वालों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति निर्धारित अवधि से अधिक समय तक ठहरने वाले स्टूडेंट्स और अवैध रूप से रहने वाले अतिथियों की वजह से उत्पन्न हो रही है.


वीसी शांतिश्री ने कहा कि छात्रावास प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी स्टूडेंट को पांच साल से अधिक समय तक छात्रावास में रहने की अनुमति न दी जाये. करदाताओं के पैसों पर यूनिवर्सिटी परिसर में मुफ्तखोरों के रहने-खाने के आरोपों पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में वीसी शांतिश्री ने कहा कि हमारे यहां मुफ्तखोरों की समस्या है.


'कुछ छात्र सब कुछ मुफ्त में चाहते हैं'


जेएनयू से पढ़ाई कर चुकी शांतिश्री पंडित (61 साल) ने कहा कि यह समस्या तब भी थी, जब वह छात्रा थीं, लेकिन अब यह और बढ़ गई है. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं वहां थी, तो कई ऐसे छात्र थे, जो यूनिवर्सिटी में रुके हुए थे, लेकिन ऐसे छात्रों की संख्या बहुत कम थी. कुछ छात्र सब कुछ मुफ्त और सब्सिडी वाला चाहते हैं. यहां तक कि लोकसभा कैंटीन भी जेएनयू कैंटीन से महंगी है, लेकिन हमारे समय में शिक्षक बहुत सख्त होते थे.’’


वीसी शांतिश्री पंडित ने कहा, ‘‘मेरे शोध का निरीक्षण करने वाले प्रोफेसर ने मुझसे कहा था कि यदि आप इसे साढ़े चार साल में पूरा नहीं करेंगी, तो आप बाहर हो जाएंगी. मैं जानती थी कि वह मेरी फेलोशिप एक्सटेंशन पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में इसमें बदलाव आया है. कुछ प्रोफेसर ने इस तरह के विस्तार की अनुमति दी और इस तरह आज यह संख्या बढ़ गई है.’’


'कैंपस में रह रहे कई अवैध छात्र'


वीसी शांतिश्री ने कहा, ‘‘कैंपस में ऐसे भी अतिथि हैं, जो अवैध रूप से रह रहे हैं, जो जेएनयू के छात्र भी नहीं हैं, लेकिन यहां आते हैं और रहते हैं. वे या तो यूपीएससी या अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. उनके लिए जेएनयू रहने की सबसे सस्ती जगह है. दक्षिण पश्चिम दिल्ली में आपको हरियाली वाला दो हजार एकड़ में फैला हुआ, ढाबों और सस्ते भोजन के साथ ऐसा आवास कहां मिल सकता है.’’


इस मुद्दे के समाधान को लेकर शांतिश्री पंडित ने कहा, ‘‘अब हम इसे काफी हद तक नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे लिए कमरों में जाना बहुत मुश्किल है. हम अभी भी मानदंडों का पालन करते हुए ऐसा करते हैं. हम स्टूडेंट्स से अपील करते हैं यदि वे कोई अतिथि ला रहे हैं तो कम से कम सूचित करें.’’


वीसी ने हॉस्टल प्रशासन को दिए निर्देश


वीसी शांतिश्री ने कहा, ‘‘हमने छात्रावास प्रशासन पर भी सख्ती कर दी है कि वह किसी भी छात्र को पांच साल से अधिक न रहने दें. हम अब आईडी कार्ड अनिवार्य कर रहे हैं. हम स्टूडेंट्स से कहते हैं कि वे हर समय आईडी कार्ड अपने साथ रखें और मांगे जाने पर उन्हें दिखाएं.’’ जेएनयू ने 2019 में छात्रावास में रह रहे स्टूडेंट्स से 2.79 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि की एक सूची जारी की थी, जिससे विभिन्न हलकों में हंगामा मच गया था. यूनिवर्सिटी में 2019 में भी उस वक्त बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था, जब उसने शुल्क वृद्धि की थी.


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