Mehbooba Mufti On AFSPA: जम्मू-कश्मीर समेत पूर्वोत्तर राज्यों से लंबे समय से सशस्त्र बल अधिनियम (एएफएसपीए) हटाए जाने की मांग थी. मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से एएफएसपीए हटाने पर विचार करेगी. इसको लेकर पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए लेकिन तभी जब ये एक जुमलेबाजी साबित न हो.


उन्होंने कहा, “पीडीपी ने लगातार सैनिकों को धीरे-धीरे हटाने के साथ-साथ कठोर एएफएसपीए को हटाने की मांग की है. इसने हमारे गठबंधन के एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी तैयार किया जिस पर बीजेपी ने पूरी तरह से सहमति व्यक्त की. देर आये दुरुस्त आये, लेकिन केवल तभी जब यह हर साल दो करोड़ नौकरियां पैदा करने या बैंक खातों में 15 लाख जमा करने के खोखले वादे जैसी जुमलेबाजी न हो.”


‘बात पर अमल करने के लिए रिहाई से कर सकते हैं शुरुआत’


जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम ने आगे कहा, “कोई केवल यह आशा कर सकता है कि वे कम से कम इस मामले में अपनी प्रतिबद्धता पूरी करेंगे क्योंकि इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. बात पर अमल करने के लिए शायद गृह मंत्रालय पत्रकारों और वर्तमान में जेलों में बंद हजारों युवा कश्मीरी लड़कों को बिना किसी आरोप या अभियोजन के रिहा करके शुरुआत कर सकता है.”




अमित शाह ने क्या कहा था?


दरअसल, अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में एएफएसपीए को हटाने पर विचार करेगी. सरकार वहां से सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था को अकेले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता था लेकिन अब वो अलग-अलग ऑपरेशन्स को लीड कर रहे हैं.


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