सुप्रीम कोर्ट पर की गई टिप्पणी को लेकर हाल ही में चर्चा में बने रहे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. मेरे बयान में ऐसा कोई शब्द नहीं है, जिसे वापस लिया जाए.

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जिहाद को लेकर महमूद मदनी ने दिया स्पष्टीकरण

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मंगलवार (2 दिसंबर, 2025) को कहा, “जो फसाद और बम धमाका करते हैं, पिछले 30 सालों से हम इसके खिलाफ धर्म युद्ध कर रहे हैं. फसाद के खिलाफ हम कहते चले जा रहे है, जो किसी को नजर नहीं आ रहा है कि वे फसादी हैं और हम जिहादी हैं.”

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उन्होंने कहा, “हमारा जिहाद यही है. जालिम के खिलाफ और अन्याय करने वालों के खिलाफ बोलना जिहाद है और हम आगे भी ऐसा करते रहेंगे. जहां तक बात है मेरे बयान की तो मेरे बयान में ऐसा कोई शब्द नहीं है, जिसे वापस लिया जाए. मैंने बिल्कुल सही बात कही है. मैं बराबर ये कहता आया हूं और आगे भी ऐसा भी कहता रहूंगा.”

वंदे मातरम को लेकर क्या बोले मौलाना महमूद मदनी?

मौलाना महमूद मदनी ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को लेकर भी एक बयान दिया है. उन्होंने कहा, “वंदे मातरम को लेकर मैंने जरूर यह कहा है कि आप किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं. हमारा अकीदा है. हम एक ईश्वरवादी हैं. आप हर एक चीजों के सामने हमारा सिर झुकाना चाहते हैं, आखिर क्यों? हमें मुसलमान ही रहने दीजिए.”

सुप्रीम को लेकर फिर से मदनी ने दिया बयान

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के बारे में कह दूं कि मैं एक ऐसी संस्था से हूं, जो एक खास कम्युनिटी से निकालकर आती है. मेरी कम्युनिटी की चिंता अगर मैं व्यक्त नहीं करूंगा, तो कौन करेगा? मैंने कम्युनिटी की चिंता ही आपको बताई है.” उन्होंने कहा, “हर एक को अधिकार है कि मेरी बात को गलत कहने का. मेरी बात को रिजेक्ट कर दे, मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता.”

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