प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार (2 दिसंबर, 2025) की सुबह में झारखंड की राजधानी रांची में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. ईडी ने रांची के चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) नरेश कुमार केजरीवाल के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारियां की. यह बड़ी कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत की गई है, जिसमें सीए नरेश कुमार केजरीवाल के रांची स्थित कार्यालय समेत मुंबई और गुजरात के सूरत जिले के कई ठिकानों पर भी छापेमारी अभियान चलाया गया है.
एजेंसी को शक है कि नरेश केजरीवाल बड़े स्तर पर हवाला और अवैध फंड ट्रांसफर कर रहे थे. यह मामला तब सामने आया जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ. जांच में पता चला कि केजरीवाल ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE), नाइजीरिया के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में कई विदेशी शेल कंपनियां बना रखी है. ये कंपनियां भले ही विदेशों में रजिस्टर्ड है, लेकिन इन्हें पूरी तरह से भारत से ही कंट्रोल किया जा रहा था.
आयकर विभाग की जांच में क्या हुआ खुलासा?
आयकर विभाग की जांच में खुलासा किया गया कि इन कंपनियों में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेनामी रकम जमा की गई है. इतना ही नहीं, लगभग 1,500 करोड़ रुपये फर्जी टेलीग्राफिक ट्रांसफर (TT) के जरिए भारत में वापस भी भेजे गए है. ये पूरा पैसा कथित रूप से हवाला चैनलों के जरिए घूमाया गया. क्योंकि इन विदेशी संपत्तियों और कंपनियों की जानकारी भारत में किसी भी दस्तावेज या रिटर्न में नहीं दी गई थी. इसलिए एजेंसी को शक है कि इन्हें काले धन को सफेद करने और अवैध लेनदेन को छिपाने के लिए इस्तेमाल किया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के इस छापेमारी अभियान का मुख्य उद्देश्य उन डिजिटल डाटा, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य सभी कागजातों को अपने कब्जे में लेना है, जिनसे इस बड़े क्रॉस-बॉर्डर मनी ट्रांसफर रैकेट के सबूत हासिल हो सके.
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