संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), समाजवादी पार्टी (SP) और डीएमके समेत सभी विपक्षी दलों ने देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव आयोग की तरफ से कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर हंगामा शुरू कर दिया है. शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार (2 दिसंबर, 2025) को भी विपक्ष लगातार SIR पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन कर रहा है, जिसके चलते संसद की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है.

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हालांकि, अब संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए कोशिशों की शुरुआत हुई है. सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल विचार विमर्श इस बात पर चल रहा है कि अगर विपक्षी दलों की मांग को माना जाए तो किस नियम के तहत संसद में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) की ओर से किए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा करवाई जा सकती है.

विपक्ष किस नियम के तहत कर रहा चर्चा की मांग

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विपक्षी दलों की ओर से नियम 267 यानी सदन की कार्रवाई स्थगित कर चर्चा की मांग की जा रही है, उस नियम के तहत चर्चा की संभावना न के बराबर है. हालांकि, विशेष चर्चा इस बात पर भी हो रही है कि एसआईआर का फैसला चुनाव आयोग का है. लिहाजा सीधे तौर पर एसआईआर पर चर्चा न करवाकर संसद के दोनों सदनों में चुनाव सुधार जैसे मुद्दों पर चर्चा करवाई जाए, जिसमें राजनीतिक दल और सांसद अपने-अपने हिसाब से एसआईआर के मुद्दे को भी ला पाएंगे.

चर्चा को लेकर अंतिम फैसला होना बाकी

हालांकि, संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा को लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन चर्चा जरूर शुरू हो गई है और अगर केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के बीच विचारों को लेकर सहमति बनती है, तो फिर आने वाले दिनों में संसद के पटल पर चुनाव सुधार पर चर्चा मुमकिन है.

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