कर्नाटक में नेतृत्व और मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी राजनीतिक खींचतान के बीच सीएम सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार (2 दिसंबर, 2025) को दूसरी बार नाश्ते पर मुलाकात की. राज्य के दो पावरफुल नेताओं की नाश्ते पर हुई मुलाकात को पावर ब्रेकफास्ट कहा जा रहा है. सामान्य परिस्थितियों में यह मुलाकात आम लग सकती थी, लेकिन इस बार मामला काफी अलग था.

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साल 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद से मुख्यमंत्री पद को लेकर आपस में खींचतान कर रहे दोनों कांग्रेस नेता इस बार इडली, देसी स्टाइल में बनी चिकन करी और कॉफी पर मिले और अपने विवादों को लेकर चर्चा की. हालांकि अभी भी इस बैठक का नतीजा अनिश्चित ही है, खासकर इसलिए क्योंकि सिद्धारमैया ने इस बैठक के दौरान यह बताने पर जोर दिया कि दोनों नेताओं ने अगले सप्ताह होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर बातचीत की थी, लेकिन सिद्धारमैया ने इस बात की तरफ इशारा किया कि अगर पार्टी हाईकमान उनसे कहेगा तो वे मुख्यमंत्री पद को छोड़ने को तैयार हैं.

हाईकमान का जो भी फैसला होगा, हमें मान्य होगा- सिद्धारमैया

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उन्होंने कहा, “हम दोनों पार्टी हाईकमान के फैसले को स्वीकार करेंगे, खासकर जब वो राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का हो.” एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों नेताओं को अगले हफ्ते सोमवार (8 दिसंबर, 2025) को दिल्ली से बुलावा आ सकता है, जहां वे राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के कोर नेतृत्व से मुलाकात करेंगे. इसके लिए योजना यह है कि विधानसभा के स्थगित होने के बाद दोनों कांग्रेस नेता बेलगावी से दिल्ली से रवाना होंगे.

पार्टी में कोई मतभेद नहीं है- शिवकुमार

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया से भेंट के बाद कहा, “पार्टी में कोई मतभेद नहीं है, कांग्रेस में हम एक आवाज हैं. आज मैंने सीएम को अपने आवास पर नाश्ते पर आमंत्रित किया. हमने कांग्रेस के विजन के तहत राज्य के अच्छे शासन और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.” हालांकि, दोनों नेताओं ने सत्ता हस्तांतरण पर वार्ता हुई, लेकिन किसी तारीख पर सहमति नहीं बन सकी तो यह कहा जा सकता है कि यह विवाद खत्म नहीं हुआ है.

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