PM Narendra Modi: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. दरअसल, आतंकवादी संगठन स्लामिक स्टेट (ISIS) पीएम मोदी को जान से मारने की साजिश को अंजाम देने की फिराक में है, लेकिन समय रहते ही एक खूखांर आतंकी को रूस से गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आतंकी की पहचान उज्बेकी नागरिक अजामोव माशाहोंट के तौर पर हुई है. 


निशाने पर भारत का एक बहुत बड़ा नेता 
स्लामिक स्टेट के इस आतंकवादी को रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) ने गिरफ्तार किया है. सिर्फ 30 साल का ये आतंकवादी सेंट्रल एशिया के उज्बेकिस्तान का रहने वाला है. पूछताछ में इसने स्वीकार किया है कि उसके निशाने पर भारत की सत्ताधारी पार्टी का एक बहुत बड़ा नेता था. इस आतंकवादी ने साफ-साफ ये भी स्वीकार किया है कि उसे पैगंबर मोहम्मद की बदसलूकी का बदला लेना था. 


नूपुर शर्मा से जुड़े तार
दरअसल, बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी. जिसके बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हंगामा हुआ. बीजेपी की सरकार पर आरोप है कि उन्होंने नूपुर शर्मा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया. इसीलिए ये माना जा रहा है कि इस आतंकवादी के निशाने पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो सकते हैं.


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लंबे समय से हमले की तैयारी
वहीं ISIS का ये आतंकवादी लंबे समय से हमले की तैयारी कर रहा था. जबकि आतंकी अजामोव माशाहोंट द्वारा प्लानिंग के तहत हमले के तार 4 देशों से जुड़ रहे हैं. इसी साल अप्रैल में उसे स्लामिक स्टेट ने तुर्की में ट्रेनिंग देनी शुरू की. ट्रेनिंग के बाद वो सुसाइड बॉम्बर बनकर तैयार हो गया, जिसके बाद उसे रूस भेजा गया. आतंकी को रूस से भारत आना था, जहां उसे हमले को अंजाम देना था. 


क्या ISIS के निशाने पर मोदी थे ? 
रूस की सिक्योरिटी एजेंसी FSB के मुताबिक ये आतंकवादी इसी साल अप्रैल से जून के महीने तक तुर्की में रहा. जहां तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में ISIS ने इस आतंकवादी से बहुत सी मुलाकातें कीं. उसे सुसाइड बॉम्बिंग की ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद आतंकवादी ने ISIS के लिए समर्थन का ऐलान किया. उसे रूस में अपने कुछ कागजी कार्रवाई पूरी करनी थी और फिर उसे वहां से भारत आकर इस हाई प्रोफाइल हमले को अंजाम देना था. 


भारतीय एजेंसियों के सामने चुनौती 
पूछताछ में आतंकवादी ने ये भी बताया है कि उसे भारत में इस हमले को अंजाम देने के लिए सहयोगी और बाकी सामान मिलना था. यानी इस आतंकवादी को फिदायीन हमले को अंजाम देने के लिए भारत से भी सहयोग मिलना था. यानी अब भारतीय एजेंसियों के सामने भी ये बड़ी चुनौती है कि वो इस पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश करें और जल्द से जल्द इस आतंकवादी के मददगारों को पकड़ें. वहीं इस बात की भी आशंका है कि ISIS ने हमले का कोई प्लान बी तैयार किया हो.


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