BrahMos Missile: बीते साल मार्च में पाकिस्तान पर गलती से ब्रह्मोस मिसाइल चलाने के मामले में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि इस गलती की वजह से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए. केंद्र सरकार की ओर से ये भी कहा गया कि भारत को इस गलती के लिए 24 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा.


केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में ये तमाम बातें भारतीय वायुसेना के तीन अधिकारियों को बर्खास्त किए जाने के मामले में कहीं. इसके साथ ही पाकिस्तान पर ब्रह्मोस मिसाइल दागने के मामले को केंद्र सरकार की ओर से घोर लापरवाही बताया गया.


बर्खास्त विंग कमांडर की याचिका पर हो रही थी सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट में ये सुनवाई बर्खास्त किए गए विंग कमांडर अभिनव शर्मा की ओर से दाखिल याचिका पर हो रही थी. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से दायर एक हलफनामे में कहा गया है कि देश की सुरक्षा के लिए व्यापक खतरा बन सकने वाले मामले की संवेदनशील प्रकृति को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की सेवा को समाप्त करने के लिए फैसला लिया गया था. 


केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि ये फैसला जनहित में बिना किसी दुर्भावना के लिया गया है. भारतीय वायु सेना में ऐसा निर्णय 23 साल बाद लिया गया है, क्योंकि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों ने इस तरह की कार्रवाई की मांग की थी. इसकी वजह से कई तरह के संभावित खतरा पैदा हो गए थे, युद्ध जैसी स्थिति भी बन सकती थी और भारतीय वायुसेना के साथ देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा था.


याचिका में क्या कहा गया?
याचिकाकर्ता विंग कमांडर शर्मा की ओर से भारतीय वायुसेना के एक्ट 1950 के तहत बर्खास्त किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि विंग कमांडर को केवल रखरखाव से जुड़ी ही पेशेवर और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी गई थी, ये ऑपरेशन को अंजाम देने से नहीं जुड़ी थी.


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