Brahmos Supersonic Cruise Missile: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) से सफल परीक्षण किया. ये जानकारी नौसेना के अधिकारियों ने रविवार (14 मई) को दी. उन्होंने कहा कि इस  मिसाइल का परीक्षण समुद्र में नौसेना की मारक क्षमता और उसकी ताकत को दिखाता है.


नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘नए गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जहाज आईएनएस मोरमुगाओ ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अपने पहले परीक्षण के दौरान सफलता से लक्ष्य को भेदा.’’  INS मोरमुगाओ भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम-श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज है. ये मझगांव डॉक लिमिटेड में बनाया गया था और 17 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था. जहाज को 18 दिसंबर 2022 को अभियान पर लगाया गया.


हथियार प्रणाली में आत्मनिर्भरता


नौसेना अधिकारी ने कहा, ‘‘ देश में विकसित जहाज और उसकी हथियार प्रणाली आत्मनिर्भरता और समुद्र में नौसेना की शक्ति का एक और शानदार उदाहरण है.’’ हालांकि मिसाइल परीक्षण की जगह के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड भारत-रूस का एक संयुक्त उद्यम है, जो सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाता है. ये मिसाइल, पनडुब्बी, जहाज और विमान या जमीनी ‘प्लेटफॉर्म’ से दागी जा सकती है. इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है.


ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी. है और यह मैक 2.8 (आवाज की रफ्तार से लगभग तीन गुना) की तेज रफ्तार के साथ विश्व की सबसे तेज़ क्रूज़ मिसाइल हैं. ये मिसाइल खराब मौसम के बावजूद दिन और रात में काम कर सकती है. यह "फायर एंड फॉरगेट के" सिद्धांत पर काम करती है यानी लॉन्च के बाद इसे मार्गदर्शन की जरूरत नहीं होती. भारत ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात भी कर रहा है. पिछले साल जनवरी में भारत ने फिलीपींस के साथ मिसाइल की तीन बैटरियों की आपूर्ति के लिए 37.5 करोड़ डॉलर का सौदा किया था.


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