Indian Air Force Will Retire MiG-21 Bison: मिग-21 लंबे समय से भारतीय वायुसेना की कामयाबी का आधार रहा है. यह 51 स्क्वाड्रन (51 Squadron) 27 फरवरी, 2019 को भारत पर पाकिस्तान के हवाई हमले को विफल करने के लिए मशहूर है, लेकिन इसके बावजूद इस विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है. गुरुवार को ही बाड़मेर में MiG-21 बायसन एयर क्राफ्ट के हादसे का शिकार होने के बाद इस छह दशक पुराने इन लड़ाकू विमानों (Aircrafts) को रिटायर करने की मांग जोर पकड़ने लगी. और इस बार उड़ता ताबूत कहें जाने वाले इस विमान के ताबूत पर आखिरी कील भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने ठोक डाली है. दि इकोनॉमिक टाइम्स (The Economic Times) की रिपोर्ट के मुताबिक आईएएफ ने 2025 तक मिग -21 बाइसन (MiG-21 Bison) विमान के सभी स्क्वाड्रन को रिटायर करने का फैसला लिया है. एयरफोर्स इनकी जगह हल्के स्वदेशी (Indigenous Light Combat Aircraft-LCA) सुखोई-30 (Su-30) जैसे अधिक सक्षम लड़ाकू विमानों को देने जा रही है. 


जखीरे से बाहर होंगे मिग -21 बाइसन विमान


भारतीय वायु सेना 30 सितंबर तक मिग -21 बाइसन (MiG-21 Bison) विमान के एक और दस्ते (Squadron) को रिटायर कर देगी और 2025 तक इसके शेष बेड़े को भी खत्म कर देगी, क्योंकि हाल ही में सोवियत युग के लड़ाकू जेट विमानों की घातक दुर्घटनाओं ने सुरक्षा चिंताएं बढ़ा दी हैं. मिग-21 के ऐसे ही हादसों को देखते हुए एयरफोर्स ने इन विमानों को अपने जखीरे से बाहर करने का अहम फैसला लिया है. इसके साथ ही सैन्य प्राधिकरण को एलसीए तेजस (LCA Tejas) विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने का कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.


30 सिंतबर को होगा 51 स्क्वाड्रन बाहर


गौरतलब है कि कल 28 जुलाई को राजस्थान में मिग-21 टाइप 69 ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में विंग कमांडर एम राणा (M Rana) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितिया बल (Advitiya Bal) की मौत हो गई. आईएएफ (IAF) के सूत्रों के मुताबिक, "श्रीनगर एयरबेस से बाहर स्थित 51 स्क्वाड्रन (51 Squadron) को 30 सितंबर को नंबर प्लेट किया जा रहा है. इसके बाद, इन विमानों के केवल तीन दस्ते सेवा में रह जाएंगे और वर्ष 2025 तक चरणबद्ध तरीके से ये भी बाहर हो जाएंगे. हर साल इन विमानों में से एक स्क्वाड्रन नंबर प्लेटेड किया जाएगा."


बहुत पहले ही बाहर होने चाहिए थे मिग-21


गौरतलब है कि पिछले 20 महीनों में छह मिग-21 विमान हादसों का शिकार हुए और इनमें पांच पायलटों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. मिग-21 को बहुत पहले ही बंद कर दिया जाना था, लेकिन एलसीए तेजस विमान को शामिल करने में देरी ने भारतीय वायुसेना को इन विमानों को उड़ाना जारी रखने के लिए मजबूर किया है. अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना उड़ान से पहले इन विमानों की व्यापक जांच करती है और पायलट के उड़ान भरने से पहले सभी सुरक्षा पहलुओं का ध्यान रखा जाता है.अधिकारियों ने कहा कि नंबर प्लेटेड स्क्वाड्रन को निकट भविष्य में अधिक सक्षम विमान के साथ जल्द ही फिर से सक्रिय किया जाएगा.


ये भी पढ़ें:


Explainer: वायुसेना के इस ‘उड़ते ताबूत’ ने ली 200 से अधिक पायलट की जान, आखिर मिग-21 की विदाई कब?


In Photos: राजस्थान के बाड़मेर में MiG-21 विमान क्रैश, उठी आग की लपटें, देखें हादसे की भयानक तस्वीरें