West Bengal SSC Scam: पश्चिम बंगाल एसएससी स्कैम के आरोपी और ममता सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का बयान आया है. उन्होंने कहा कि वे इस षडयंत्र का शिकार हुए हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पहली बार इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में हाल ही में गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने उनके घर पर छापा मारा था, जिसके बाद कई घंटे तक पूछताछ की गई, आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद ममता ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से भी हटा दिया.
पार्थ चटर्जी के खिलाफ क्या हैं आरोप?
पश्चिम बंगाल के मंत्री रहे और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने शिक्षक भर्ती के लिए करोड़ों रुपये लिए. आरोप है कि जिन लोगों ने लाखों रुपये दिए उन्हें इस परीक्षा में पास करा दिया गया. ओएमआर शीट बदलने के भी आरोप हैं. ये भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी, जिसके बाद कई उम्मीदवारों ने नतीजों को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा और फिर मामले की जांच शुरू हुई. हाईकोर्ट ने सीबीआई को ये मामला सौंप दिया था. उस वक्त पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री थे.
किरकिरी के बाद पार्टी ने लिया फैसला
तमाम आरोपों और गिरफ्तारी के बाद पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल सरकार ने बर्खास्त कर दिया. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस ने चटर्जी को पार्टी से निलंबित करने और उन्हें सभी पदों से हटाने की घोषणा की. इससे पहले पार्टी के राज्य महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने चटर्जी को पद से तुरंत हटाए जाने और पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किए जाने की मांग की थी. अनुशासन समिति की बैठक के बाद चटर्जी को हटाने का फैसला लिया गया.
बता दें कि पार्थ चटर्जी लगभग दो दशकों तक टीएमसी के महासचिव रहे और इस साल की शुरुआत में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. लेकिन अब करोड़ों के घोटाले में नाम सामने आने पर वो टीएमसी की किरकिरी करवा रहे हैं. पार्थ को लेकर ममता बनर्जी का भी बयान सामने आया था. जिसमें ममता ने कहा था कि, "हम मांग करते हैं कि जांच समय सीमा के भीतर पूरी की जाए. टीएमसी भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करेगी.”
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