India Maldives Row: भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयानों के चलते मालदीव के साथ विवाद लगातार गहराता जा रहा है. इस बीच मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी ने सोमवार (8 जनवरी) को अपने ही देश की सरकार पर भड़क गईं. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल मालदीव सरकार की अदूरदर्शिता को दिखाता है.


मारिया अहमद ने आगे कहा कि भारत हमारा एक भरोसेमंद सहयोगी रहा है, जो रक्षा जैसे कई अहम क्षेत्रों में मदद करता रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई भी आलोचना हमारे लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को कमजोर कर सकती है.


'जरूरत पड़ी तो भारत ही बचाने आएगा'
मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री ने भारत को मालदीव की '911 कॉल' बताते हुए तमाम बयानबाजी पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जब भी मालदीव को जरूरत पड़ी है, भारत उसके बचाव के लिए आगे आया है. 


उन्होंने कहा, 'ये वर्तमान प्रशासन की अदूरदर्शिता है... हम एक छोटे देश हैं, जो सभी के दोस्त हैं, लेकिन हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि हम भारत के साथ सीमा साझा करते हैं. हमारी एक जैसी सुरक्षा चिंताएं हैं.'


'हम खत्म नहीं कर सकते भारत के साथ संबंध'
मारिया अहमद दीदी ने मालदीव सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'ये हमारी सरकार की अदूरदर्शिता है कि वो सोचते हैं कि हम भारत के साथ अपने पुराने संबंधों को खत्म कर सकते हैं.'  


पूर्व रक्षा मंत्री ने भारत को मालदीव के लिए '911 कॉल' बताते हुए कहा, 'जब हमें जरूरत होती है, हम एक कॉल करते हैं और आप (भारत) हमें बचाने आ जाते हैं. इस तरह के दोस्त के लिए जब ऐसे अपमानजनक बयान दिए जाते हैं तो ये दुख पहुंचाता है.' 


कोविड-19 के दौरान दी गई मदद का किया जिक्र
उन्होंने ऐतिहासिक 'इंडिया फर्स्ट' की नीति का समर्थन करते हुए कहा, 'हम आशा करते हैं कि मालदीव सरकार इंडिया फर्स्ट की नीति को जारी रखेगी. जब भी हमें जरूरत होगी, तब हमारा सबसे करीबी पड़ोसी ही हमारी मदद को आगे आएगा. मालदीव के लोग भी अपना इलाज कराने के लिए भारत ही जाते हैं.'


मारिया अहमद ने कोविड-19 महामारी के दौरान मालदीव के लोगों का भारत में इलाज किए जाने और मदद के तौर पर मिली कोविड वैक्सीन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के बीच बहुत सहयोग रहा है और हम अपने सबसे करीबी पड़ोसी को बदलने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं.


क्या है मालदीव विवाद?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जनवरी, 2024 को लक्षद्वीप का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने वहां के समुद्र तट पर स्नोर्कलिंग करते हुए तस्वीरें शेयर की थीं. इन तस्वीरों से मालदीव के कुछ मंत्रियों और नेताओं को मिर्ची लग गई और उन्होंने पीएम मोदी और भारत के खिलाफ अपमानजनक बयान दे डाले.


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