India-China LAC Standoff: भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बजट सत्र के दौरान सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि, हम पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) को एक ही फ्रंट पर रखकर बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. अब सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन को लेकर भारत की तैयारियों पर जवाब दिया है. 


प्राचीन स्टेटक्राफ्ट पॉलिसी पर चल रही स्टडी - जनरल नरवणे
आर्मी चीफ ने कहा कि, एलएसी पर स्टैंडऑफ दिखाता है कि हमारे बूट ऑन ग्राउंड हैं और हम अपनी अंखडता‌ और संप्रुभता की रक्षा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि, हमें 'आत्मनिर्भर-आर्मी' तैयार करनी है. जो सिर्फ लड़ाई के दौरान स्वदेशी हथियारों से लैस हो बल्कि उसकी रणनीति भी स्वदेशी हो. इसके लिए भारतीय सेना देश की प्राचीन स्टेटक्राफ्ट पॉलिसी पर स्टडी कर रही है. इसमें चाणक्य की 'अर्थशास्त्र' शामिल है‌, जो बताती है कि राजतंत्र के लिए 'हार्ड पावर' क्यों जरूरी है‌. सीडीएस जनरल बिपिन रावत के उस बयान को दोहराता हूं कि "भविष्य में होने वाले युद्ध स्वदेशी हथियारों से ही जीते जाएंगे."


भारतीय सेना और सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज़ के दो दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन के दौरान आर्मी चीफ ने ये बात कही. इस सम्मेलन का थीम है - 'फ्यूचर वॉर्स एंड काउंटर मेजर्स'. 


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नेवी चीफ ने कहा - भविष्य में बड़े युद्ध को नहीं कर सकते खारिज
इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि, भविष्य में किसी बड़े युद्ध को पूरी तरह खारिज नहीं कर सकते. युद्ध के लिए सिर्फ थलसेना, वायुसेना और नौसेना को ही तैयार नहीं रहना है बल्कि सरकार के सभी अंगों के बीच सिनर्जी की जरूरत होती है. आज के मल्टीपोलर वर्ल्ड में हम सुपरपावर्स की सेनाओं के बीच 'धक्का मुक्की' तो देख ही रहे हैं, कॉम्पीटिशन भी है. लेकिन इसको रोककर रखने की जरूरत है, नहीं तो 'सलामी-स्लाईसिंग' जैसी घटनाएं होती रहेंगी. फ्यूचर वॉर्स में सरप्राइज और शॉक तो मिलेंगे ही लेकिन हमें 'एंटी-फ्रेजाइल' रहने की जरूरत है. 


एयरफोर्स चीफ बोले - भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार
इस वर्चुअल सम्मेलन के दौरान वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा कि, कोरोना महामारी के दौरान पूर्वी लद्दाख में स्टैंडऑफ ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारत के पास किसी भी चुनौती का सामना करने की पर्याप्त क्षमता है. आज के समय में युद्ध सिर्फ जमीन, आकाश और समंदर मे ही नहीं लड़ा जाता. अब इसमें साइबर, स्पेस और इंफोर्मेशन वॉरफेयर भी जुड़ गया है. चीन की अनरेस्ट्रिकटेड-वॉरफेयर नीति शांति और युद्ध दोनों के समय के लिए है. टेक्नोलॉजी एक्सपलोजन का डिसरेप्टिव असर होना लाजमी है. यूक्रेन और सीरिया की घटनाएं दिखाती है कि आपका आर्थिक तौर से गला घोटा जा सकता है और डिप्लोमेटिक-आईसोलेशन भी हो सकता है. 


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