Muslim Conference Jammu and Kashmir Bhat faction: गृह मंत्रालय ने सोमवार (18 मार्च, 2024) को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) न्यायाधिकरण के गठन की घोषणा की. ट्रिब्यूनल का गठन मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) को लेकर किया गया है.


ट्रिब्यूनल का काम ये देखना होगा कि दोनों संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं. ट्रिब्यूनल में दिल्ली हाई कोर्ट की जज नीना बंसल कृष्णा शामिल हैं. मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) को केंद्र सरकार ने हाल ही में प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था.


दोनों गुटों पर पांच साल का बैन लगाया गया था. इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ये फैसला आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने को लेकर लिया गया है. 






अमित शाह ने क्या कहा था?
अमित शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था, ‘‘आतंकवादी नेटवर्क पर कड़ा प्रहार जारी रखते हुए केंद्र सरकार ने मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) को गैर-कानूनी संगठन घोषित कर दिया है. ये संगठन देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रहे हैं.’’


केंद्र सरकार ने हाल ही में यासीन मलिक के जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग (जेकेपीएल) के चार गुटों पर आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोप में प्रतिबंध लगाया था. इसको लेकर भी अमित शाह ने कहा था कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता से समझौता नहीं किया जाएगा. 


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