Himachal Pradesh Election Results: हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज है. इस समय बीजेपी सरकार में है. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि इतिहास एक बार फिर खुद को दोहराएगा और वो सत्ता में वापसी करेगी. ऐसा रहा तो सवाल यह उठ रहा है कि सीएम कौन बनेगा? 


हिमाचल प्रदेश में सरकार बदलने की परंपरा जारी रही और कांग्रेस को बहुमत मिला तो मुख्यमंत्री तय करना पार्टी नेतृत्व के लिए आसान नहीं रहने वाला है. सब कुछ निर्भर करेगा कि कांग्रेस कितनी मजबूत स्थिति में होती है और नए विधायकों में किस गुट के कितने नेता हैं. सीएम पद की रेस में आधा दर्जन से ज्यादा नाम हैं. पांच बड़े दावेदार हैं और दो ऐसे नाम है, जिन्हें छुपा रुस्तम माना जा रहा है.


सीएम पद के दावेदार


1. प्रतिभा सिंह- हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं. मंडी लोकसभा सीट से सांसद प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन वीरभद्र सिंह की विरासत के तौर पर वो सीएम पद का दावा कर सकती हैं क्योंकि कांग्रेस ने राजा वीरभद्र के चेहरे का इस्तेमाल पूरे प्रचार अभियान में किया था.


2. सुखविंदर सिंह सुक्खू- पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस बार प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया था. सुक्खू को राहुल गांधी की पसंद माना जाता है. हालांकि उनके राजा वीरभद्र से मतभेद थे और कहा जाता है कि प्रतिभा सिंह उनकी ताजपोशी का पुरजोर विरोध करेंगी. सुक्खू हमीरपुर जिले की नादौन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वो जीते तो चौथी बार विधायक बनेंगे.


3. मुकेश अग्निहोत्री- मौजूदा नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पहले राजा वीरभद्र सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं. प्रतिभा सिंह के करीबी माने जाते हैं और कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष उनका नाम सीएम के तौर पर आगे कर सकती है. लेकिन ब्राह्मण होना अग्निहोत्री की राजनीतिक कमजोरी के तौर पर देखा जा रहा है. चार बार के विधायक अग्निहोत्री ऊना जिले की हरोली सीट से लड़ रहे हैं.


4. ठाकुर कौल सिंह- ठाकुर कौल सिंह हिमाचल कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता है. 77 साल के कौल सिंह मंडी जिले की दरंग सीट से आठ बार विधायक चुने गए, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं. राजा वीरभद्र सिंह के निधन के बाद प्रतिभा सिंह के समर्थन में मजबूती से खड़े हुए थे. अब उन्हें रिटर्न गिफ्ट मिल सकता है लेकिन ज्यादा उम्र उनके खिलाफ जा सकती है. कौल सिंह पिछला चुनाव हार गए थे. एक बार फिर दरंग सीट से मैदान में हैं.


5. आशा कुमारी- चंबा जिले की डलहौजी सीट से छह बार की विधायक आशा कुमारी पंजाब कांग्रेस की प्रभारी रह चुकी हैं. महिला चेहरे के साथ ही आशा कुमारी का दावा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि वो छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टी.एस. सिंह देव की बहन हैं. छत्तीसगढ़ में ढाई–ढाई साल के कथित समझौते के बावजूद टी.एस. सिंह देव को सीएम की कुर्सी नहीं मिल पाई थी. माना जा रहा है कि इसकी भरपाई हिमाचल में की जा सकती है.


छुपा रुस्तम किसे माना जा रहा है? 


पहले नंबर पर हैं हर्षवर्धन चौहान, जो सिरमौर जिले की शिलाई सीट से पांच बार के विधायक हैं. इनके पिता हिमाचल सरकार में मंत्री रह चुके हैं. दूसरे नंबर पर राजेश धर्माणी का नाम है, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और राहुल गांधी की टीम के करीबी है. धर्माणी बिलासपुर की घुमारवीं सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. हालांकि पिछला चुनाव हार गए थे. 


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