Corona Vaccination: भारत में 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की दो डोज ले चुके हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को एक और डोज दी जाएगी, जिसे प्रीकॉशन डोज कहा जा रहा है. अभी तक जिसने जो वैक्सीन ली है उसी वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज दी जाएगी, लेकिन क्या आने वाले वक्त में क्या कोई और वैक्सीन की डोज दी जाएगी. आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर बलराम भार्गव के मुताबिक इसको लेकर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन में चर्चा हो रही है और इस बारें कोई फैसला जल्द हो सकता है.


अभी तक 10 जनवरी से शुरू हो रहे टीकाकरण में प्रीकॉशन डोज वही होगी जो पहले दी गई थी. लेकिन इस बारे में भी चर्चा हो रही है नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन में की क्या ये प्रीकॉशन डोज कोई और वैक्सीन की हो सकती है. जैसे किसी ने एक कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड की दोनों डोज ली है और उसे प्रीकॉशन डोज कोवैक्सीन की दी जा सकती है. इस बारें जल्द कोई फैसला हो सकता है और चर्चा जारी है.


आईसीएमआर के डीजी प्रो बलराम भार्गव का कहना है कि 'इस पर व्यापक बहस चल रही है कि हमारे पास कौन सा टीका है, एनटीएजीआई की बैठकें जारी है, हम यह तय कर रहे हैं कि इस टीके की आवश्यकता कितनी आबादी को है, जिसमें फ्रंट लाइन कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 60 से अधिक कॉमरेडिटी के व्यक्ति शामिल हैं. हम इस पर भी चर्चा कर रहे हैं कि वैक्सीन सुरक्षा की दृष्टि से और एफिकेसी की दृष्टि से कौन सी वैक्सीन उपलब्ध है, कौन सी नई वैक्सीन उपलब्ध है, कौन सी वैक्सीन दी जा सकती है. इसलिए हम उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं कि कौन सा टीका किसको दिया जा सकता है, चाहे वह एक ही हो या अलग हो, 10 जनवरी से पहले हमारे पास उस पर स्पष्ट सिफारिश होगी. जिसके बाद ड्रग कंट्रोलर, एनटीएजीआई और फैसला लिया जाएगा.'


यानी इस बारें में चर्चा है की प्रीकॉशन डोज आगे अलग भी हो सकती है. यानी जिन लोगों ने कोवैक्सीन की डोज ली थी उन्हें कोविशील्ड या कोई और वैक्सीन भी दी जा सकती है. इस बारें में जल्द कोई फैसला होने की उम्मीद है. इसके लिए अलग अलग डेटा, वर्ल्ड डेटा की समीक्षा भी की जा रही है. 


भारत मे 10 जनवरी से प्रीकॉशन डोज की शुरुआत हो रही है. जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 साल से ज्यादा आयु वर्ग के वे लोग जिन्हें कॉमरेडिटी है के लिए प्रीकॉशन डोज दी जाएगी. इसको लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं.


- कोमोरबीडीटी स्थापित करने के लिए डॉक्टर प्रमाणपत्र / प्रेस्क्रिप्शन की आवश्यकता नहीं है, डॉक्टर सलाह देते हैं कि 60 से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को प्रीकॉशन डोज लेने से पहले अपने डॉक्टरों से परामर्श करने की सलाह दी जाए.


- उन्ही लाभार्थीयों को ये प्रीकॉशन डोज दी जाएगी जिनकी दूसरी डोज को 9 महीने (39 सप्ताह) बीत चुके होंगे.


- CoWIN प्रीकॉशन डोज के लिए पात्र सभी लोगों को रिमाइंडर संदेश भेजा जाएगा और प्रीकॉशन डोज डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्रों में दिखाई देगी.


इसे भी पढ़ेंः
Sharad Pawar ने कहा- PM Modi चाहते थे कि 2019 में Maharashtra में सरकार बनाने के लिए BJP-NCP गठबंधन कर ले


भारत मे अब तक 8 कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. इसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की  Covishield, भारत बायोटेक की Covaxin, ज्याडस कैडिला की ZyCoVD, बायोलॉजिकल ई की CORBEVAX और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की COVOVAX, रूस की SputnikV, मोडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन मिल चुका है. इन दोनों वैक्सीन को मिलाकर अब भारत के पास आठ वैक्सीन हो गई है. 


हालांकि टीकाकरण के लिए अभी तक तीन वैक्सीन ही  सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की  Covishield, भारत बायोटेक की Covaxin, रूस की SputnikV उपलब्ध है. वहीं जल्द ही ज्याडस कैडिला की ZyCoV-D आने की उम्मीद है. 



इसे भी पढ़ेंः
Kalicharan को 2 दिनों की पुलिस रिमांड, महात्मा गांधी के खिलाफ की है अमर्यादित टिप्पणी