Farmers Protest Live: दिल्ली हिंसा के खिलाफ पुलिस वालों के परिजनों का प्रदर्शन, इंसाफ की मांग

Farmers Protest News Live Updates: कृषि कानून को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है. दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान नेता आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर एक दिन का उपवास कर रहे हैं. वहीं दिल्ली हिंसा के खिलाफ घायल पुलिस वालों के परिजन भी शहीदी पार्क में प्रदर्शन करके इंसाफ की मांग कर रहे हैं.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 30 Jan 2021 03:06 PM
हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले के विरोध में उनके परिवारों का शहीदी पार्क में विरोध प्रदर्शन

फोरेंसिक जांच टीम लालकिला पहुंचेगी
दिल्ली में 26 जनवरी को हिंसा मामले की जांच के लिए आज दोपहर 2:30 बजे फोरेंसिक जांच टीम लालकिला पहुंचेगी. ये टीम लाल किले के अंदर ब्लड सेंपल, तोड़फोड़, झंडे के आसपास की जगह के सैम्पल उठाएगी. वहां लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी को रात 11 बजे से 31 जनवरी को रात 11 बजे तक के लिए सिंघु, गाजीपुर, टिकरी बॉर्डर और उनके आस-पास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद किया है.
किसान आंदोलन का विरोध कर रहे लोगों ने क्या कहा
एबीपी न्यूज ने उन लोगों से बात की है जो किसान आंदोलन का विरोध कर रहे है. इसमें बुजुर्ग भी शामिल हैं, इनका कहना है कि जो आंदलोन पर बैठे है वह किसान नहीं है खालिस्तानी हैं. लोगों का कहना है हमें बॉर्डर खाली चाहिए, इनका एजेंडा खालिस्तान का है. कांग्रेस के ऊपर भी यह लोग आरोप लगा रहे है. इनमे कुछ का कहना है कि 26 जनवरी तक हम भी इनके साथ थे, लेकिन अब बस खालिस्तानी बैठे है जो देश के टुकड़े करने वाले बैठे.
पटना में ह्यूमन चेन बनाकर विरोध
किसान कानूनों के खिलाफ पटना में आरजेडी ह्यूमन चेन बनाकर विरोध जता रही है. हालांकि पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी है. तेजस्वी यादव ने कहा, ''आज महागठबंधन (लेफ्ट, कांग्रेस और RLD) ने मानव श्रृंखला बनाई है. गांवों में पंचायत स्तर पर लोग मानव श्रृंखला बनाकर खड़े हैं. इसका मकसद है कि हम लोग किसानों के साथ एकजुटता से खड़े हैं."

टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन को लेकर पंचायत
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन को लेकर पंचायत हो रही है. यहां कई लोग ऐसे भी हैं जो आंदोलन का विरोध कर रहे हैं. किसानों के मंच पर नेताओं के आने से भी लोग नाराज हैं.
मंगलवार को संजय राउत आएंगे दिल्ली
गाजीपुर बॉर्डर पर विपक्षी पार्टी के नेताओं का आना जारी है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, आरएलडी के बाद शिवसेना नेता भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने आएंगे. शिवसेना नेता संजय राउत मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच सकते हैं.

"राहुल गांधी लगातार किसान आंदोलन के साथ"
गाजीपुर बॉर्डर धरना स्थल से कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, "हम यहां राजनीति करने नहीं बल्कि समर्थन देने आए हैं. हम राजनीति कर रहे हैं ये कहने की जगह देखिए कि विपक्ष के रूप में यही हमारा दायित्व है. राहुल गांधी के यहां आने न आने का सवाल तब उठता जब राहुल जी शुरू से इस आंदोलन को खुलकर सपोर्ट न कर रहे होते. राहुल जी लगातार इस आंदोलन के साथ है कांग्रेस साथ है."

दिल्ली के कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे
किसान आंदोलन के सहारे विपक्षी पार्टियां यूपी में सियासी जमीन तलाशने में जुटी हैं. अब दिल्ली के कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी गाजीपुर पहुंच गए हैं. कल भी कांग्रेस के कई नेता किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे. कांग्रेसी सांसद दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी लल्लू सिंह, अलका लांबा समेत कई नेता एक-एककर सुबह से लेकर शाम तक गाजीपुर बॉर्डर पहुंचते रहे.
हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों के परिवार आज प्रोटेस्ट करेंगे
दिल्ली के शहीदी पार्क में किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों के परिवार आज प्रोटेस्ट करेंगे. दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक ये प्रदर्शन होगा. कई पुलिसकर्मी इस उत्पाद में गंभीर रूप से घायल हुए हैं, इनमें से कई पुलिसकर्मी शायद जीवन भर अब चल भी नहीं पाएंगे.
टिकरी बॉर्डर पर कल किसान आंदोलन को लेकर जो विरोध हुआ उसको लेकर इस वक़्त टिकरी गांव में पंचायत हो रही है.
लाल किले की घटना से नाराज कपिल मिश्रा आज निकालेंगे तिरंगा रैली
दिल्ली में किसानों के उग्र प्रदर्शन के बाद बीजेपी नेता कपिल मिश्रा आज तिरंगा रैली निकालेंगे. कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा, 'तिरंगे का अपमान अब स्वीकार नहीं पुलिस वालों पर हमला अब बर्दाश्त नहीं. कपिल मिश्रा ने उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर किए गए जुल्मों पर नाराजगी जाहिर करते हुए आगे लिखा कि तिरंगा हमारा सम्मान, पुलिस हमारा अभिमान. मार्च शाम 5 बजे सेंट्रल पार्क कनॉट प्लेस से निकाली जाएंगी.'
गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाएं बंद
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 64वें दिन भी जारी है. किसान नेता आज गांधीजी की पुण्यतिथि पर एक दिन का उपवास रखेंगे. वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर प्रशासन ने इंटरनेट सेवाए बंद कर दी है.

यूपी गेट पर भीड़ बढ़ी, करीब तीन हजार सुरक्षा बल तैनात
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के समर्थक दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे पर फिर से एकत्र होने लगे और वहां किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है. बीकेयू के आह्वान पर मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुराबादाबाद, बुलंदशहर जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से और अधिक किसान इस आंदोलन में शामिल होने के लिये यूपी गेट पहुंचे.
किसान आज सद्भावना दिवस मनाएंगे, दिन भर का उपवास रखेंगे
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सद्भावना दिवस मनाएंगे और दिन भर का उपवास रखेंगे. ये उपवास सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक रखा जाएगा. किसान नेताओं ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ 'शांतिपूर्ण' आंदोलन को 'बर्बाद' करने का प्रयास किया जा रहा है.
अन्ना हजारे ने किसानों के मुद्दे पर घोषित भूख हड़ताल रद्द की
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कृषि कानूनों के विरोध में शुरू होने वाला भूख हड़ताल रद्द करने का फैसला किया है. हजारे ने शुक्रवार देर शाम महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की मौजूदगी में इसकी घोषणा की. हजारे ने फड़णवीस के साथ एक बैठक के बाद कहा, मैं लंबे समय से कई मुद्दों पर आंदोलन कर चुका हूं. शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना कोई अपराध नहीं है. मैं तीन साल से किसानों के मुद्दे उठा रहा हूं.

भारतीय किसान यूनियन के सुप्रीमो नरेश टिकैत से यह पूछे जाने पर कि क्या वे गाजीपुर बॉर्डर पर कल जाएंगे तो उन्होंने जवाब दिया कि वह भी वहां पर जा सकते हैं.
किसान नेता अमरजीत किसान नेता - गाजीपुर बार्डर पर बैठे लोगों की तारीफ करता हूं. राकेश टिकैात ने बहुत बड़े पैमाने पर किसानों को जमा किया. उन्होंने कहा कि 30 तारीख को सदभावना दिवस मनाएंगे , सुबह 9 बजे से शाम पांच बजे तक हमारे नेता भूख हड़ताल रखेंगे.
योगेन्द्र यादव ने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर कहा- मोदी जी और योगी जी और अन्य सावधानीपूर्वक सुन लें, किसान इस आंदोलन से वापस नहीं जाएंगे.
हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं को 30 जनवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बंद करने का निर्णय लिया है.
राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि अगर कल हम यहां से जाते तो सिख साथियों के साथ 84 दंगे से ज़्यादा बुरा हाल होता. जब मुझे पता चला तो मैंने जाने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि कल कल हम चले जाते तो फिर भविष्य में कोई किसान आंदोलन नहीं होता. सरदार के साथ जितना बुरा होता उसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता था. इसी वजह से हमने कहा कि पानी लेकर आओ और आंदोलन खत्म करने से इंकार किया. उन्होंने कहा कि अब हमने मुजफ्फरनगर के लोगों से कहा है कि अभी न आएं.
राहुल गांधी ने कहा कि दूसरे कानून से व्यवसायी मनमर्जी अनाज इकट्ठा कर पाएंगे. उन्होंने दिल्ली हिंसा पर सवाल उठाते हुए कहा कि लाल किले के अंदर किसने आंदोलनकारियों को जाने दिया. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री यह बताएं कि किसने अंदर जाने का आदेश दिया.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नए कृषि कानूनों से मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी. उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं मानी और आंदोलन को वापस नहीं लिया तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन और बढ़ेगा.
https://www.abplive.com/news/india/singhu-border-updates-clashes-at-farmers-protest-site-delhi-police-sho-injured-1746770
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दौरान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर फारेंसिक एक्सपर्ट की एक टीम क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंच चुकी है. वे कई जगहों से सैंपल ले रहे हैं.
नए कृषि कानूनों के विरोध में सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की तलवारबाजी में दिल्ली के अलीपुर के एसएसओ प्रदीप पालीवाल घायल हो गए हैं.

Singhu Border News: सिंघु बॉर्डर पर जारी हंगामे के बीच एसएचओ को तलवार लग गई है और एचएसओ घायल हो गए हैं.
इस समय सिंघु बॉर्डर पर भारी हंगामा देखने को मिल रहा है. स्थानीय लोगों और किसानों के बीच टकराव हो रहा है. स्थनीय लोग आगे बढ़कर किसानों के साथ टकराव मोल ले रहे हैं. दोनों पक्षों में हल्की झड़प हो रही है और पुलिस लोगों पर लाठीचार्ज कर रही है.





गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे मनीष सिसोदिया ने कहा, ''मुझे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने भेजा है. उनका निर्देश था कि मैं जाकर पानी वगैरह की व्यवस्था देखूं, इसलिए मैं यहां आया था. पेट इंटरनेट से या इन कानूनों से नहीं भरेगा, वह रोटी से भरेगा. किसान की पगड़ी उछलने की कोशिश की जा रही है, हम साथ है. जिनको पानी की ज़रूरत है तो पूरी व्यवस्था है यहाँ.''
गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर पर राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचकर धमकी देने का आरोप लगाया था . इस आरोप पर नंद किशोर गुर्जर ने सफाई दी है कि वो गाजीपुर बॉर्डर नहीं गए थे और ये बात अगर कोई साबित कर दे तो वो राजनीति छोड़ देंगे.
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि उपद्रवियों ने लाल किले की दर्जनों बेशकीमती और पुरातात्विक महत्व की चीजों को नुकसान पहुंचाया है. यह नुकसान आर्थिक नुकसान से कहीं ज्यादा है. इसके साथ ही लाल किले की प्राचीर पर रखे प्राचीन कलशों में से दो कलश गायब हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राकेश टिकैत को खुलकर समर्थन दिया है. केजरीवाल ने कहा है कि आपकी मांगे वाजिब हैं. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''राकेश जी, हम पूरी तरह से किसानों के साथ हैं. आपकी माँगे वाजिब हैं. किसानों के आंदोलन को बदनाम करना, किसानों को देशद्रोही कहना और इतने दिनों से शांति से आंदोलन कर रहे किसान नेताओं पर झूठे केस करना सरासर ग़लत है.''


सिंघु बॉर्डर पर लाठियों के साथ स्थानीय लोग इकट्ठे हो रहे हैं और खबर मिली है कि पुलिस इन्हें रोक नहीं रही है. किसानों ने पहले ही दिल्ली की ओर जाने का एलान किया हुआ है और ऐसे में सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोगों के भी इकट्ठा होने से किसी बड़ी घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.

किसान आंदोलन को एक बार फिर से ऊर्जा मिल गई है. सिंघु बॉर्डर पर लाठियों के साथ स्थानीय लोग इकट्ठा हो रहे हैं और पुलिस उन्हें नहीं रोक रही है. कल की घटना के बाद लगातार किसानों की संख्या बढ़ रही है.

किसान आंदोलन को एक बार फिर से ऊर्जा मिल गई है. सिंघु बॉर्डर पर लाठियों के साथ स्थानीय लोग इकट्ठा हो रहे हैं और पुलिस उन्हें नहीं रोक रही है. कल की घटना के बाद लगातार किसानों की संख्या बढ़ रही है.
जयंत चौधरी बोले- मुद्दे को संसद में उठाएंगे, पीएम को इस पर बोलना चाहिए
राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी राकेश टिकैत क समर्थन देने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पहुते हैं. जयंत चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस पर बोलना चाहिए. चौधरी ने कहा, ''प्रशासन पर दबाव है लेकिन किसान जगह खाली नहीं करेंगे. मुद्दे को संसद में उठाएंगे. सरकार का बैकफुट पर होना यह नहीं दिखाता किसान कमजोर है. मैं उनके नेतृत्व को आगे लेकर जाऊंगा. प्रधानमंत्री को इस पर बोलना चाहिए. उन्हें किसानों के विश्वास की जरूरत है.''

किसान आंदोलन: राहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''PM हमारे किसान-मज़दूर पर वार करके भारत को कमज़ोर कर रहे हैं. फ़ायदा सिर्फ़ देश-विरोधी ताक़तों का होगा.''
राकेश टिकैत बोले- किसानों को बदनाम करने की साजिश, आंदोलन जारी रहेगा
राकेश टिकैत ने कहा, ''यह पूरा घटनाक्रम किसानों के साथ बड़ी साजिश है, यह किसानों को बदनाम करने की साज़िश है. हम भारत सरकार से बात करने को तैयार हैं. जो नोटिस मिला है उसका जवाब दे देंगे. आंदोलन चालू रहेगा, पूरे देश में महापंचायत चल रही हैं.''
गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ी फोर्स की तैनाती
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. केंद्र सरकार ने गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस फोर्स की तैनाती का समय बढ़ा दिया है. बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स तैनात रहेगी. रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियों की तैनाती 4 फरवरी तक बढ़ाई गई है. पहले तैनाती सिर्फ 28 जनवरी तक ही थी, तैनाती किसान आंदोलन के मद्देनजर ही की गई है.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गाजीपुर बॉर्डर जाएंगे. सिसोदिया बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पानी और टॉयलेट की सुविधाओं का जायजा लेंगे. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और आप नेता राघव चड्ढा सिंघु बॉर्डर जाएंगे.
दिल्ली हिंसा में बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली हिंसा में खालिस्तानी हाथ होने के सबूत मिले हैं. खालिस्तानी ट्विटर हैंडल से रची हिंसा की साजिश गयी. ये तमाम खालिस्तानी ट्वीटर हैंडल दिल्ली पुलिस के रडार पर हैं. सभी खालिस्तानी ट्विटर हैंडल की पहचान कर उनके कंटेंट का डंप लिया जा रहा है. ट्विटर हैंडल कहाँ, कब और किसने बनाया गया दिल्ली पुलिस यह तमाम डिटेल खंगालने में जुटी है. ट्विटर हैंडल से कई भड़काऊ ट्वीट किए गए हैं.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी राकेश टिकैट से बात की है. अखिलेश यादव ने राकेश टिकैत से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा और कहा कि किसानों की लड़ाई समाजवादी पार्टी भी लड रही है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती की पार्टी बीएसपी ने भी आज किसान आंदोलन के समर्थन में आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार का फैसला किया है. मायावती ने ट्ववीट किया, ''बी.एस.पी. ने, देश के आन्दोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज मा. राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केन्द्र से पुनः अनुरोध तथा गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए. इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई. सरकार ध्यान दे.''

टिकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है। कृषि कानूनों के खिलाफ यहां किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है.

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि NH-24, गाजीपुर बॉर्डर आने और जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है.


26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस 6 संदिग्धों की तलाश में जुट गई है. पुलिस फुटेज और फोटो के आधार पर इन छ हुड़दंगियों को तलाश कर रही है. जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 10 फोटोग्राफर और 10 वीडियो कैमरे 26 जनवरी के लिए मंगवाए थे, लेकिन जैसे हिंसा की खबर मिली सबको हिंसा की तस्वीरें उतारने में लगा दिया गया और इसी फुटेज से उन 6 गुनहगारों को ढूंढा जा रहा है.
26 जनवरी को हुई घटना के बाद कमजोर लग रहा किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ रहा है. कल किसान नेता राकेश टिकैत की आंखों से गिरे आंसुओं के बाद आंदोलन में यू टर्न आता दिख रहा है. 26 जनवरी के बाद कई किसान आंदोलन छोड़कर अपने-अपने घरों को लौट गए थे लेकिन अब वे दोबारा दिल्ली की तरफ बढ़ चुके हैं. कल शाम राकेश टिकैत के रोने की खबर हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैलते ही किसान लामंबद होना शुरू हो गए. हरियाणा के जींद, हिसार, भिवानी और गाजियाबाद से किसानों के लौटने की तस्वीरें आई हैं. सभी किसानों ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी हाल में आंदोलन को कमजोर या खत्म नहीं होने देंगे.

गाजीपुर बॉर्डर से अचानक सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया है. फिलहाल बॉर्डर पर सभी पीएसी जवानों को क्यों हटाया गया है, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आ पाई है. हालांकि सुरक्षाकर्मियों द्वारा कहा गया कि सुबह से ड्यूटी पर तैनात थे, अब जाने के लिए बोला गया है.
केंद्र ने गाजीपुर बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियों की तैनाती 4 फरवरी तक बढ़ा दी है. आरएएफ की तैनाती किसान आंदोलन के मद्देनज़र ही की गई है. पहले आरएएफ की तैनाती सिर्फ 28 जनवरी तक ही थी लेकिन अब इसे बढ़ाया गया है.
हरियाणा के किसान राकेश टिकैत के समर्थन में खड़े हो गए हैं. जींद के कंडेला गांव में जाम लगा दिया. किसानों ने जींद-चंडीगढ़ रोड को जाम किया और दिल्ली के लिए कूच करने का फैसला किया. हरियाणा के कई गांव से लोगों के किसानों के जत्थों के दिल्ली पहुंचने की जानकारी सामने आ रही हैं.
अब लगभग यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि आज रात गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के वापस लौटने की जानकारी भी सामने आई है. गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों का साफ कहना है कि तीनों कानूनों के रद्द होने तक वो पीछे नहीं हटने वाले हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान वापस लौट रहे हैं. किसानों ने राकेश टिकैत को साथ देने का भरोसा दिया है. किसानों का दावा है कि कल हजारों की संख्या में गाजीपुर बॉर्डर पर और लोग जमा होंगे. किसानों का कहना है कि वह तीनों बिलों के वापस होने तक पीछे नहीं हटेंगे.
एबीपी न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस रात को एक्शन नहीं लेगी. पुलिस के अधिकारी सुबह मीटिंग कर सकते हैं. सुबह होने वाले मीटिंग के बाद ही पुलिस का एक्शन प्लान सामने आ सकता है. अब लगभग ये साफ है कि आज रात गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस कोई एक्शन नहीं लेगी.
पुलिस प्रशासन राकेश टिकैत से मिलना पहुंचने पहुंचा है. राकेश टिकैत से पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली है. कुछ देर पर राकेश टिकैत की तबीयत खराब हो गई थी. डॉक्टर्स की टीम ने बताया है कि टिकैत का बीपी बढ़ा हुआ है.
सामने आई जानकारी के मुताबिक पुलिस पहले कोई एक्शन नहीं लेगी. पुलिस पूरे मामले पर लगातार नज़र बनाए रखेगी. लखनऊ से पुलिस को कोई एक्शन नहीं लेने के आदेश मिले हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर हालांकि भारी पुलिस बल तैनात रहेगा.
सिंघू बॉर्डर पर भी भारी पुलिस तैनात है. देर रात होने के बावजूद सिंघू बॉर्डर पर पुलिस काफी एक्टिव है. पहले पुलिस को रात के वक्त में इस तरह से एक्टिव नहीं देखा जाता था.
राकेश टिकैत ने कहा है कि उन्होंने पश्चिमि यूपी से उन्होंने किसानों को गाजीपुर बॉर्डर पर नहीं बुलाया है. गाजीपुर बॉर्डर पर भारी तादाद में पुलिस बल तैनात है इसलिए किसानों का गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचना मुमकिन भी नहीं लग रहा है.
पुलिस ने पूरे मामले पर नज़र बना रखी है. गाजीपुर बॉर्डर पर दोनों तरफ से रास्ते रोक दिए गए हैं. मुजफ्फरनगर से किसानों के गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने की जानकारी मिल रही है. हालांकि जिस तरह से पुलिस एक्टिव हैं उसे देखते हुए किसानों के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचना आसान नहीं रहने वाला है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से गरुवार को फोन पर बात की. उन्होंने इस बात की जानकारी ट्वीट के जरिए दी. संजय सिंह ने कहा- "...राकेश टिकैत जी से फ़ोन पर बात हुई. अरविंद केजरीवाल और AAP पूरी तरह किसानों के साथ हैं. टिकैत जी बोले “किसानो के साथ सरकार ने ग़द्दारी की है. किसानों पर हमले की साज़िश है. प्रशासन ने पानी बंद करा दिया शौचालय तक हटवा दिया”
सिसौली किसान भवन में गुरुवार की रात को पंचायत के बाद भारतीय किसान यूनियन के सुप्रीमो नरेश टिकैत ने कहा कि कल सुबह 11 बजे महापंचायत होगी. उन्होंने कहा कि कल स्थित बिगड़े या चाहे कुछ हो किसानों का कोई मतलब नहीं.
शिरोमणि अकाली दल ने लाल किले पर झंडा लगाने के मामले में किसान नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का केस लगाने को लेकर आलोचना की. उन्होंने कहा कि किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए यह धारा लगाई गई है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि एक साइड चुनने का समय है. मेरा फ़ैसला साफ़ है, मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं.
भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति और भारतीय किसान यूनियन एकता ने अपने आप को किसान आंदोलन से अलग किया, चिट्ठी जारी कर कहा- हम आंदोलन से हट रहे हैं जन जागरण करते रहेंगे.
गाजीपुर बॉर्डर में राकेश टिकैत के आंखों में आंसू देखने के बाद भारतीय किसान यूनियन सुप्रीमो नरेश टिकैत के आह्वान पर पंचायत बुलाई गई. हजारों की संख्या में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता सिसौली पहुंचे हैं. सैकड़ों किसान रात में गाजीपुर बॉर्डर का रूख कर सकते हैं.
राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन चलता रहेगा, हम नहीं हट रहे, पुलिस गोली चलाकर दिखाएं. उन्होंने कहा कि हम सरकार से सीधी बात करेंगे. राकेश टिकैत ने प्रशासन को गद्दार बताया है.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा- योगी जी, संविधान ने किसानों को शांतिपूर्ण आंदोलन चलाने का अधिकार दिया है. पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों के शांतिपूर्ण धरनों को ज़बरन हटाने के आपके तुगलकी फ़रमान, फासीवादी मानसिकता की उपज हैं. उकसावे की कार्रवाई से तुरंत बाज आईए.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि बुराड़ी के डीडीए ग्राउंड से सिंघू बॉर्डर और अन्य जगहों पर जाने वाले करीब 30 किसानों में से 15 को नियमों का उल्लंघन करने और संभावित 26 जनवरी के हमले मे संलिप्तता को लेकर हिरासत में लिया गया है.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गोली चलनी होगी तो यहीं चलेगी, आंदोलन जारी रहेगी. इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर जबरदस्त हलचल है.
राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी के लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं, आंदोलन जारी रखो. उन्होंन किसानों को संबोधित करते हुए गुरुवार की शाम को कहा कि कुछ हुआ तो प्रशासन जिम्मेवार होगा. राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी के लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी गाजीपुर बॉर्डर ने धरना को खत्म कर दें. उन्होंने कहा कि सब सुविधाएं बंद होने के बाद कैसे चलेगा धरना. उन्होंने आगे कहा कि नेता, कार्यकर्ताओं को धरना खत्म कर वापस चले जाना चाहिए. नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों की पिटाई से अच्छा है कि वे धरना को खत्म कर दें.
गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बलों को तैनात किया गया है. गाजीपुर बॉर्डर को खाली करने के लिए अधिकारी पहुंचे हैं.
गाजियाबाद के डीएम और एसएसपी मौके पर पहुंचे हुए हैं. इधर, राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन के आने पर बात करेंगे.
किसान आंदोलन से एक और गुट ने किनारा कर लिया है. किसान महापंचायत के रामपाल जाट ने राजस्थान-हरियाणा सीम पर चल रहे आंदोलन को खत्म करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि हम संयुक्त किसान मोर्चा से 21 जनवरी को अलग कर लिया था लेकिन प्रदर्शन का समर्थन कर रहा था. लेकिन अब हर कदम का विश्लेषण करने के बाद आंदोलन का समर्थन करूंगा.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस. एन. श्रीवास्तव ने पुलिस मुख्यालय में स्पेशल पुलिस कमिश्नर (इंटेलिजेंस) और अन्य सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की.
यूपी सरकार ने उन जगहों को खाली कराने के डीएम को निर्देश, जहां किसानों का धरना चल रहा है. इसके साथ ही, किसानों से आग्रह है कि जहां जहां किसान धरने पर बैठे हैं, वे खुद ही आज खाली कर दें. सरकार उन्हें उनके घर जाने तक फ्री सर्विस भी देगी. गाजीपुर में भी बसें पहुंची हैं। गाजीपुर में अभी लगभग 1200 किसान मौजूद हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि वह किसानों के साथ हैं और चाहते हैं कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए. कृषि कानूनों को जबरन पास कराया गया. मोदी सरकार ने स्थिति को बुरी तरह से संभाला और जो कुछ भी हुआ उसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है. पहले दिल्ली संभालें फिर बंगाल के बारे में सोचें.




किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी कल राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी. बता दें कि आम आदमी पार्टी पहले से ही कृषि कानूनों के विरोध में है और सितंबर महीने में जब कृषि बिल संसद में पास हुए थे तो इसका AAP ने इसका विरोध किया था.
इसके अलावा कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि 16 पार्टियां कल राष्ट्रपति के भाषण का विरोध करेंगी और ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि किसान कानूनों को बिना किसानों और पार्टियों की सहमति के बिना लिया गया है.


इस समय सिंघु बॉर्डर पर भारी हंगामा मचा हुआ है और यहां कई गांववाले किसानों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. गांववालों का कहना है कि किसानों ने तिरंगे का अपमान किया है और उन्हें यहां से हटाया जाना चाहिए.
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा की घटनाओं में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. किसान नवंबर से ही केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज गृह मंत्री अमित शाह ने टॉमा सेंटर के बाद तीरथ राम अस्पताल का दौरा भी किया और घायल पुलिसकर्मियों का हाल जाना.
दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान 26 जनवरी को भड़की हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सवाल खड़े किए. उन्होंने दीप सिद्धू को लेकर कहा कि अगर कोई गया और झंडा फहराया तो फायरिंग क्यों नहीं हुई? कहां थी पुलिस? कैसे वह वहां तक पहुंच गया. पुलिस ने उसे जाने दिया और गिरफ्तार नहीं किया. अब तक कुछ नहीं किया गया. वह कौन शख्स था जिसने पूरे समुदाय और संगठन को बदनाम किया है.
दिल्ली पुलिस ने गाज़ीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान धरने पर नोटिस चस्पा किया है. नोटिस में राकेश टिकैत से पूछा गया है कि जो शर्तें ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से आपको दी गई थी आपने उसका उलंघन किया है. नोटिस का 3 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बताया है कि लाल किला मेट्रो स्टेशन और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के सभी एंट्री और एग्जिट गेल खोल दिए गए हैं. अब सभी मेट्रो स्टेशन पर सर्विस सामान्य हो गई है.
ट्रॉमा सेन्टर पहुंचकर अमित शाह हिंसा में घायल हुए दिल्ली पुलिस के जवानों का हाल चाल जान रहे हैं.उनके साथ दिल्ली पुलिस कमिश्नर एन श्रीवास्तव और अन्य वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद हैं.



गृह मंत्री अमित शाह अपने घर से ट्रामा सेंटर के लिए रवाना हो गए हैं. अमित शाह आज यहां 26 जनवरी को किसानो की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों से मिलेंगे. बता दें कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव भी ट्रामा सेंटर पहुंच गए हैं.
पानीपत टोल प्लाजा पर किसानों के लिए लगाई गई लंगर सेवा हटा दी गई है. जिला प्रशासन ने दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद एहतियात के तौर पर इसे हटाने के आदेश दिए थे. पुलिस प्रशासन के आदेशों के बाद खुद सेवादारों ने शांतिपूर्वक आदेश की पालना की और अपने सामान को समेटना शुरू कर दिया.
केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 64वें दिन भी जारी है. दोनों ही बॉडर्स पर भारी सुरक्षा बल तैनात है. टिकरी बॉर्डर पर आज सुबह कड़ाके की ठंड में कुछ किसानों ने अपने कपड़े उतारकर प्रदर्शन किया.


दिल्ली में 26 जनवरी को किसान ट्रै्क्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियां लुकआउट नोटिस जारी करेगी. इसके बाद ऐसे लोगों को पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है. साथ ही उनकी कभी भी गिरफ्तारी की जा सकती है.
दोपहर 12 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सिविल लाइन के ट्रॉमा सेंटर का दौरा करेंगे. ट्रॉमा सेंटर में वो पुलिस वाले भर्ती हैं, जो किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हो गए थे.
दिल्ली पुलिस ने 20 से ज्यादा किसान नेता को नोटिस दिया है. जिसमें योगेंद्र यादव बलदेव सिंह सिरसा और राजेवाल शामिल हैं. .इन सब नेता से तीन दिन में जवाब मांगा है, क्योंकि इन लोगों ने अग्रीमेंट के बाद सारे रूल्स को तोड़ा और क्यों न इनके खिलाफ एक्शन लिया जाए, इसका जवाब मांगा है.
दिल्ली के गाज़ीपुर थाने में राकेश टिकैत के ख़िलाफ़ दर्ज केस में जान से मारने की साजिश की धारा 307 को भी जोड़ दिया गया है. इसके अलावा हिंसा फैलाने वाले अन्य किसानों के खिलाफ जानलेवा हमला, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालना, आपराधिक साजिश रचना और दंगा करना जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
दिल्ली ट्रेफिक पुलिस ने जानकारी दी है कि गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 24 अब पूरी तरह से खोल दिया गया है. कल दो किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का एलान किया था. अबतक गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले वाहन गाजीपुर से निकलकर दिल्ली जा रहे थे.
दिल्ली में लाल किले पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है. प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने 26 जनवरी को लाल किले के पोल पर चढ़कर अपना झंडा फहराया था.
ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस के जवान पुखराज कमल ने बताया है कि जब सारे किसान गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़कर आगे निकल चुके थे. मैं अपने पुलिस बल के साथ समस्तीपुर बॉर्डर पहुंचा. वहां मौजूद किसान हिंसक होकर पुलिस पर पत्थर और अन्य चीजें फेंक रहे थे और एक पत्थर मेरे सिर पर आकर लगा.
कृषि कानूनों के विरोध में बागपत के बड़ौत शहर में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर 19 दिसंबर से चले आ रहे किसानों के धरने को देर रात पुलिस ने जबरन उठवा दिया है. पुलिस ने धरने में सो रहे किसानों को लाठियां भांज कर खदेड़ दिया और टेंट को उखाड़ कर सामान भी वहां से हटवा दिया. उधर, धरनास्थल से किसानों पर लाठीचार्ज का वीडियो वायरल हुआ है जबकि पुलिस-प्रशासन इस कार्रवाई को शांतिपूर्ण ढंग से होने का दावा कर रहा है.

हरियाणा के तीन जिलों में आज शाम तक इंटरनेट सेवा निलंबित रहेंगी. हरियाणा सरकार ने कल प्रदेश के तीन जिलों -सोनीपत, झज्जर और पलवल में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 28 जनवरी को शाम पांच बजे तक निलंबित कर दी है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि लोक व्यवस्था और शांति बनाये रखने के लिये यह निर्णय लिया गया है.
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) के आंदोलन खत्म करने पर किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा है, ''जिन किसान संगठनों ने कल की हिंसा के बाद अपना आंदोलन खत्म कर दिया है वह अच्छी बात नहीं है. कल की हिंसा के बाद किसान आंदोलन को झटका लगा है. हम आत्मचिंतन करेंगे. अब हमें लोगों को दोबारा से इकट्ठा करना पड़ेगा. कल जो हुआ उसकी हमने नैतिक ज़िम्मेदारी ली है.''

पुलिस ने हिंसा के मामले में अबतक 37 किसान नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस ने किसान नेता दर्शन सिंह को नोटिस भेजकर तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है. साथ ही एफआईआर में पंजाबी एक्टर दीप सिंधू और लक्खा सिधाना का नाम भी जोड़ा गया है. दीप सिंधू ने ही लाल किले पर खालसा पंत का झंडा फहराया था.

भारतीय किसान यूनियन के दो गुटों के आंदोलन से अलग होने के बाद दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर आंदोलन खत्म हो गया है. देर रात बोल्डर औऱ बैरिकेडिंग हटा दिए गए हैं. बता दें कि ये रास्ता 58 दिन से बंद था, जो अब खोल दिया गया है.

बैकग्राउंड

Farmers Protest News Live Updates: कृषि कानून को लेकर किसानो का प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को तीनों बॉर्डर पर प्रदर्शन और बवाल की कई तस्वीरें सामने आई. सिंघु बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय लोगों के बीच पत्थरबाजी हुई जिसमें एक एसएचओ भी घायल हो गए. दूसरी ओर दिल्ली के गाजीपुर में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के आने जाने का जमावड़ा बना रहा. गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी की घटना को लेकर बड़ा ऐलान किया है कि आज यानी 30 जनवरी को वे एक दिन का उपवास करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओ का मानना है कि पिछले 7 महीनो से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने की साजिश अब जनता के सामने उजागर हो चुकी है. मोर्चा का मानना है कि आज गांधीजी के शहादत दिवस पर शांति और अहिंसा पर जोर देने के लिए पूरे देश में एक दिन का उपवास रखेंगे.


सिंघु बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय लोगों के बीच हुई पत्थरबाजी
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन में एक बार फिर संघर्ष हुआ है. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को किसान प्रदर्शनकारियों और स्थानीय प्रदर्शनकारियों के बीच बवाल हुआ. दोनों गुटों के बीच पत्थरबाजी हुई और एक दूसरे पर हमला किया गया. दरअसल स्थानीय प्रदर्शनकारी शुक्रवार सुबह से ही किसान आंदोलनकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और हाईवे खाली करने की मांग भी की गई थी. दोनों गुटों में जारी संघर्ष और पत्थरबाजी के दौरान पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की.


हालांकि, इसी बवाल के बीच दिल्ली पुलिस के एसएचओ अलीपुर पर एक प्रदर्शनकारी ने तलवार से हमला किया दिया जिसमें वे घायल हो गए. पुलिस ने हमला करने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है. शुक्रवार सुबह ही दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में लोग किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने आए थे. यहां पर 'तिरंगे का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' के नारे लगाए गए और तुरंत हाइवे खाली करने की मांग की गई.


गाजीपुर में किसान आंदोलन एक बार फिर से बढ़ता नजर आ रहा है, शुक्रवार को अलग-अलग राजनीतिक दल के प्रतिनिधि भी गाजीपुर पहुंचे. गुरुवार देर शाम किसान नेता राकेश टिकैट के रोने की तस्वीरे सामने आने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित एनसीआर के कई इलाको से किसान गाजीपुर पहुंच रहे है. राकेश टिकैट ने मंच से ऐलान किया है कि आंदोलन यूही जारी रहेगा. इसके साथ ही सिंघु बॉर्डर से 27 जनवरी को किसान नेताओ ने 30 जनवरी को उपवास रखने का ऐलान किया था. आज गाज़ीपुर बॉर्डर पर भी कुछ किसान उपवास कर सकते है. गाज़ीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार को अलग-अलग राजनीतिक दल के नेता भी किसान आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे है. इन नेताओ में आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया, जयंत चौधरी, दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा के नाम शामिल है.


 

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