Navy Chief On Qatar: पिछले तीन महीने से कतर की खुफिया एजेंसियों की हिरासत में कैज भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की रिहाई के मामले पर नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने जल्द हल निकलने की उम्मीद जताई है. 


शनिवार (3 दिसंबर) को दिल्ली में नौसेना की सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि सभी आठ पूर्व अधिकारी नेवी की फैमिली का हिस्सा हैं. नौसेना को इस मामले की पूरी जानकारी है और उनकी रिहाई के लिए लगातार कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि देश की सभी एजेंसियां उन्हें जल्द से जल्द छुड़ाने के लिए प्रयासरत है.


मामला क्या है? 


इस साल 30 अगस्त को कतर की खुफिया एजेंसियों ने राजधानी दोहा में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले आठ भारतीयों को हिरासत में ले लिया था. ये सभी भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी थे और पिछले पांच सालों से दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी नाम की एक कंपनी में काम करते थे. ये कंपनी मिडिल-ईस्ट देश के एक मिलिट्री ऑफिसर की है और कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और कंसल्टेंसी देने का काम करती थी.


भारतीय नौसेना के इन आठों पूर्व अधिकारियों की पहचान कमांडर पूर्णेन्द्रु तिवारी, कमांडर नवतेज सिंह गिल, कमांडर वीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और कैप्टन गोपाकुमार के तौर पर हुई है.


क्यों हिरासत में लिया है? 


शुरुआत में ये मामला बिजनेस प्रतिद्वंद्वी और मनी लॉन्ड्रिंग का बताया गया था. मिडिल-ईस्ट की मीडिया की मानें तो कतर ने इन आठों पूर्व अधिकारियों को इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में हिरासत में लिया है, लेकिन कतर की तरफ से इस बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी सार्वजनिक तौर से नहीं दी गई है. 


अधिकारियों के परिवार वालों ने हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से मामले में हस्तक्षेप करने गुजारिश की थी. उसके बाद से विदेश मंत्रालय लगातार कतर पर इन सभी पूर्व अधिकारियों को छोड़ने का दबाव बना रहा है. पिछले तीन महीने से गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखे गए भारतीयों के मामले को लेकर भारत और कतर के संबंध भी काफी नाजुक मोड़ पर पहुंच गए हैं.


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