उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर विधानसभाओं में 55 वर्ष से अधिक आयु वाले विधायकों की संख्या इस बार बढ़ी है. हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर की राज्य विधानसभाओं में 55 वर्ष से अधिक उम्र के विधायकों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के एक विश्लेषण के मुताबिक 55 साल या उससे कम उम्र के विधायकों का अनुपात 2022 में घटकर 59.5 फीसदी रह गया, जो 2017 में 64.7 फीसदी था. दूसरी ओर, तीन नवनिर्वाचित विधानसभाओं में निवर्तमान सदन की तुलना में वर्तमान में महिला विधायक अधिक हैं. उत्तर प्रदेश में निवर्तमान विधानसभा में 42 महिला विधायकों की तुलना में वर्तमान विधानसभा में 47 महिला विधायक हैं.


महिला विधायकों की संख्या बढ़ी


उत्तराखंड में महिला विधायकों की संख्या 2017 के पांच से बढ़कर 2022 में आठ हो गई है. मणिपुर विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या भी पांच साल पहले की तुलना में दोगुनी होकर चार हो गई है. 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में 55 वर्ष या उससे कम आयु के विधायकों का अनुपात 2022 में घटकर 51 फीसदी हो गया, जो 2017 में 61 फीसदी था. मणिपुर में भी 55 वर्ष या उससे कम आयु के विधायकों का अनुपात 2022 में घटकर 55 फीसदी हो गया, जो 2017 में 71.7 प्रतिशत था.


यूपी में स्नातक डिग्री वाले विधायकों की संख्या बढ़ी


उत्तर प्रदेश में कम से कम स्नातक की डिग्री वाले विधायकों की संख्या 2017 के 72.7 फीसदी से बढ़कर 2022 में 75.9 फीसदी हो गई है. उत्तराखंड में कम से कम स्नातक की डिग्री वाले विधायकों की संख्या 2017 के 77 फीसदी से घटकर 2022 में 68 फीसदी हो गई है. मणिपुर में 2022 के विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों में से 76.6 फीसदी कम से कम स्नातक हैं, जो 2017 में 68.4 फीसदी था. उत्तर प्रदेश में 403 सदस्यीय सदन में 9 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व है, जबकि उत्तराखंड विधानसभा में तीन राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व है. मणिपुर में तीन निर्दलीय विधायकों के साथ 60 सदस्यीय सदन में छह राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व है.


ये भी पढ़ें:


केजरीवाल-भगवंत मान के विजय जुलूस पर Congress का दावा, कहा- सरकारी पैसों से कर रहे रोड शो, खर्च किए 61 लाख


लोकसभा उपचुनाव: आसनसोल से TMC उम्मीदवार होंगे शत्रुघ्न सिन्हा, ममता बनर्जी ने ट्वीट कर किया एलान