Delhi Liquor Policy Case News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने एक आरोप पत्र दायर किया, जिसमें बीआरएस नेता के. कविता को आरोपी के रूप में नाम डाला गया है. अभियोजन शिकायत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 और 44(1) के तहत दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष दायर की गई है. दिल्ली हाई कोर्ट में 24 मई को के. कविता की जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इसी तरह की शिकायत अगले हफ्ते दायर होने की उम्मीद है. इस मामले में ईडी की ओर से यह छठा आरोप पत्र है, जिसमें उसने अब तक आप नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अन्य सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, कुछ समय पहले ही संजय सिंह को नियमित जमानत दी गई थी.


ED की दलीलों पर कोर्ट 13 मई को करेगी सुनवाई


दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट सातवें आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के मुद्दे पर जांच एजेंसी ईडी की दलीलें आने वाली 13 मई को सुनवाई करेगी. प्रवर्तन निदेशालय ने बीते 2 साल पहले 17 अगस्त, 2022 को दर्ज की गई सीबीआई की एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए 22 अगस्त, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.


CM केजरीवाल को ED ने आवास से किया था अरेस्ट


इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने 21 मार्च को पीएमएलए कानून के तहत दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को यहां उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था, जबकि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की एमएलसी बेटी के कविता को 15 मार्च को हैदराबाद से हिरासत में लिया गया था.


2 जून को करना होगा सरेंडर- सुप्रीम कोर्ट


दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों वाली बेंच ने 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने उन्हें 2 जून को वापस सरेंडर करने को कहा है. जबकि, जमानत शर्तों के तहत उन पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की 21 दिन की अंतरिम जमानत अवधि के दौरान उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए जब तक आवश्यक न हो तब तक किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर न करें.


केजरीवाल नहीं करेंगे CM ऑफिस और सचिवालय का दौरा- SC


इस दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे. साथ ही कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल अपनी ओर से दिए गए बयान से बंधे होंगे कि वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि यह आवश्यक न हो, साथ ही दिल्ली के एलजी की मंजूरी लेने के लिए आवश्यक न हो.


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