नई दिल्ली: दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर एक बार फिर से दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की बैठक बुलाई है. इस बैठक में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री समेत आपदा प्रबंधन अथॉरिटी से जुड़े बाकी अधिकारी शामिल होंगे. बैठक का आयोजन 16 जून को होना है. इस बैठक में चर्चा इस बात पर होगी कि आने वाले दिनों में जो मामले बढ़ने की आशंका है उससे निपटने के लिए दिल्ली को कैसे तैयार किया जाए.


इन मुद्दों पर होगी चर्चा


16 जून को सुबह 11 बजे होने वाली बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा होगी इसके बारे में भी जानकारी सामने आ गई है. सामने जानकारी के मुताबिक बैठक में पिछली मीटिंग के बाद से लेकर अब तक उठाए गए कदमों के अलावा आगे के इंतजामों को लेकर चर्चा होगी.




  • पिछली बैठक के बाद से लेकर अब तक क्या क्या कदम उठाए गए इस बारे में जानकारी दी जाएगी.

  • मुंबई के तर्ज पर कैसे बड़े अस्थायी तौर पर बड़े अस्पताल तैयार किए जाएं इस पर चर्चा होगी.

  • खाली पड़े फ्लैट्स को किस तरह से कोरोना अस्पताल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है इस पर भी चर्चा होगी.

  • आरडब्लूए को भी ऑक्सीजन सिलेंडर और बाकी बुनियादी सुविधाएं दी जाए जिससे कि कमेटी सेंटर में ही मरीजों का इलाज हो सके.

  • अस्पतालों में ही शवों के अंतिम संस्कार का इंतजाम कैसे हो सकता है इस पर चर्चा होगी.

  • निजी अस्पतालों द्वारा वसूले जा रहे हैं मनमाने पैसे पर कैसे रोक लगाए जाने को लेकर चर्चा होगी.

  • कोरोना टेस्ट की जांच के लिए वसूले जाने वाले पैसे मैं कैसे कमी को लेकर भी बात होगी.

  • चलती फिरती कोविड-19 टेस्टिंग लैब तैयार करने बैठक में चर्चा होगी.

  • बीमारी से लड़ने के लिए मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता और नियुक्ति को लेकर भी इस बैठक में बात की जाएगी.


आने वाले दिनों की तैयारी को लेकर होगी बात


साफ तौर पर दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की इस बैठक के दौरान चर्चा का पूरा जोर इसी बात पर होगा कि कैसे दिल्ली को आने वाले दिनों के लिए तैयार किया जाए. पिछली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की बैठक के दौरान खुद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया था कि दिल्ली में जिस रफ्तार से मामले बढ़ रहे हैं उस हिसाब से 30 जून तक 1 लाख मामले, 13 जुलाई तक 2 लाख मामले और 31 जुलाई तक 31 जुलाई तक 5 लाख से ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं.


फिलहाल दिल्ली की जो मौजूदा तस्वीर है वह इस तरह के हालातों के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं दिखती. इसी वजह से 16 जून को होने वाली बैठक में आने वाले दिनों को ध्यान में रखते हुए तैयारी को कैसे दुरुस्त किया जाए इसी पर चर्चा का पूरा केंद्र रहेगा.


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