Delhi Govt Liquor Policy: दिल्ली सरकार अब जल्द ही सभी बार को 3 बजे तक संचालित करने की अनुमति देने जा रही है. इस खबर के सामने आते ही दिल्ली में इस पर सियासी बवाल शुरू हो गया है. दिल्ली कांग्रेस और बीजेपी ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए इसका जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है. दरअसल दिल्ली सरकार ने एक नीतिगत निर्णय लिया है जिसमें बार संचालकों को तड़के तीन बजे तक शराब परोसने की अनुमति दी जाएगी. 


कांग्रेस ने लगाया शराब माफिया से गठजोड़ का आरोप
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, सरकार ने आबकारी विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं और आबकारी नीति 2021-22 के अनुसार जल्द ही एक आदेश जारी होने की संभावना है. इस खबर के सामने आते ही दिल्ली कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वासियों के भारी विरोध के बावजूद नई शराब नीति के तहत दिल्ली में रेस्टोरेंट, बार, बैंकट हॉल, होटलों और क्लबों को 201 नए लाइसेंस देकर इनमें अब शराब रात्रि 3 बजे तक परोसने का प्रबंध कर दिया है. उन्होंने कहा कि शराब माफिया के साथ भ्रष्टाचार करके दिल्ली सरकार ने इन लाइसेंसों और नई आबकारी नीति के तहत दिए गए लाइसेंसों का आवंटन किया, जिसका उजागर करने और जांच की मांग के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त से मिलने का समय मांगा है.


अनिल चौधरी ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली को पूरी तरह बर्बाद करने की ठान ली है, उन्होंने पहले ही युवाओं की शराब पीने की उम्र 25 से कम करके 21 वर्ष करके प्रत्येक वार्ड में 3-4 शराब के ठेके खोल दिए थे. कहा कि दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने के लिए केजरीवाल सरकार दिल्ली में लगभग 24 घंटे शराब मुहैया करा रही है. अनिल चौधरी ने कहा कि केजरीवाल दिल्लीवालों को बढ़ती महंगाई और कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाने की जगह दिल्ली में 24 शराब घंटे शराब मुहैया कराने का कोई मौका नही छोड़ रहे हैं.


बीजेपी ने भी उठाए सवाल
बीजेपी ने भी दिल्ली सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए. पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी सांसद डॉ हर्षवर्धन ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘जहां एक ओर दिल्ली में पानी की किल्लत के कारण आमजन त्रस्त है, वहीं दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के अंतर्गत शराब के ठेकों को सुबह 3 बजे तक खोलने का निर्णय आम आदमीं पार्टी की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है. जनता को साफ पानी उपलब्ध कराने की जगह अब शराब पिलाना ही 'आप' की प्राथमिकता है.


दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर पहले भी काफी राजनीतिक हंगामा हो चुका है ऐसे में सरकार के इस नई नीति से एक बार फिर दिल्ली में शराब पर सियासत जरूर गर्माने वाली है.


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