Manish Sisodia Letter to PM Narendra Modi: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जेल से शनिवार (27 मई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं पहलवान बेटियों को न्याय देने की मांग की है. मनीष सिसोदिया ने कहा है कि प्रधानमंत्री इस प्रकरण से ऐसे अपना मुंह मोड़े हुए हैं, जैसे ये बेटियां पाकिस्तान से आई हुई हैं.
सिसोदिया ने कहा, ''विदेशी धरती पर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करने वाली इन बेटियों को प्रधानमंत्री अपने परिवार का सदस्य बताते नहीं थक रहे थे, लेकिन अब चुप हैं. हर बात पर 'मन की बात' बताने वाले प्रधानमंत्री क्या सिर्फ इसलिए चुप हैं क्योंकि आरोपी उनकी पार्टी का एक बाहुबली सांसद है?''
'प्रधानमंत्री ने इस प्रकरण से ऐसे मुंह मोड़ा जैसे...'
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ''अखबारों से पता चल रहा है कि देश की महिला पहलवान जंतर-मंतर पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ धरने पर बैठी हैं. आरोप बीजेपी के एक बाहुबली सांसद पर है. बीजेपी और केंद्र सरकार ने, यहां तक कि प्रधानमंत्री जी ने भी इस प्रकरण से इस तरह मुंह मोड़ रखा है, मानो ये पाकिस्तान से आई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया तब जाकर एफआईआर हुई हैं.''
'वीडियो बनवाते नहीं थकते थे पीएम'
मनीष सिसोदिया ने देशवासियों को उस समय की याद भी दिलाई जब विदेशी धरती पर मेडल जीतने वाली इन बेटियों को प्रधानमंत्री अपने परिवार का सदस्य बताते नहीं थक रहे थे. उन्होंने कहा है कि वह पल तो आप सबको याद होगा, जब ये पहलवान पदक जीतकर भारत आईं थीं तो प्रधानमंत्री इन महिला खिलाड़ियों के साथ फोटो खिचवाते और वीडियो बनवाते नहीं थकते थे. यहां तक कि पदक जीतने पर जब इन खिलाड़ियों को फोन किया जाता था तो उसका भी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रकाशित किया जाता था.
'परिवार का सदस्य बताया करते थे पीएम'
सिसोदिया ने कहा, ''वीडियो में हंसते खिलखिलाते प्रधानमंत्री इन्हीं बेटियों को अपने परिवार का सदस्य बताया करते थे और आज इतने दिन से ये होनहार लड़कियां अपनी प्रैक्टिस और घर-बार छोड़कर धूप और बारिश में आंदोलन कर रही हैं तो उन्होंने अब तक कोई संज्ञान तक नहीं लिया है. हर बात पर 'मन की बात' बताने वाले हमारे प्रधानमंत्री, जिन्हें अपने परिवार की सदस्य बताया करते थे, उनके यौन उत्पीड़न पर चुप क्यों हैं? क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि आरोपी उनकी पार्टी का एक बाहुबली सांसद है.''
'भारतीय होने के नाते मेरा खून खौलता'
मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा, ''प्रधानमंत्री, आपने तो कहा था कि बेटियां देश की गौरव होती है. फिर इन बेटियों ने तो सच में देश का गौरव बढ़ाया है. इन प्रतिभाशाली बेटियों की वजह से विदेशी धरती पर हमारा तिरंगा सबसे ऊपर लहराया है. इनकी वजह से विदेशी सरजमीं पर हमारा राष्ट्रगान गुंजायमान हुआ है, जो बेटी पदक जीतने पर, भारत का गौरव बढ़ाते हुए इतनी भावुक हुई कि उसकी आंखों से आंसू निकल आए, वो आज जब जंतर-मंतर पर न्याय के लिए आंसू बहा रही है तो एक भारतीय होने के नाते मेरा खून खौल उठता है.''
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अंत में प्रधानमंत्री से कहा है कि हम आपके राजनीतिक विरोधी हैं. आपने हमारे काम रोकने के लिए आठ साल तक संविधान का गला घोंटा. अपनी सारी एजेंसियों को लगाकर झूठे आरोपो में जेल भेजा. आप अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल भेजिए, फांसी लगवा दीजिए, यह आपकी राजनीति का तरीका और स्तर हो सकता है, लेकिन भारत का गौरव बढ़ाने वाली इन बेटियों को न्याय दीजिए. नहीं तो कोई भी प्रतिभाशाली बेटी फिर इस देश में किसी शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ आवाज उठाने का साहस नहीं कर सकेगी.
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