दार्जिलिंग: दार्जिलिंग में बंद का आज 11वां दिन है. ममता सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए आज सभी पक्षों की बैठक बुलाई है, लेकिन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सहित दूसरे विपक्षी दलों ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है.


पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में अलगाववादी हिंसा के कारण अभी भी तनावपूर्ण स्थिति बरकरार रहने के मद्देनजर केन्द्र सरकार हालात पर नजर रखे हुए है. आंदोलनरत गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अनिश्चतकालीन बंद को देखते हुये केन्द्र सरकार फिलहाल इस मामले में सीधा दखल देने के बजाय देखो और इंतजार करो की नीति पर आगे बढ़ रही है.


गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा हालात में केन्द्र सरकार की तरफ से इस मामले में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है. राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार लगातार संपर्क बनाये हुए है और प्रतिदिन ताजा स्थिति की जानकारी ली जा रही है.


इस बीच पर्वतीय अंचल में बसे दार्जिलिंग जिले में इन दिनों गर्मी की छुट्टियों में सैलानियों की देश विदेश से भरपूर आमद को देखते हुए बेमियांदी बंद से इलाके में न केवल आम जनजीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि पर्यटन आधारित उद्योगों पर भी अलगाववादी हिंसा ने असर डाला है.


इस बीच राज्य सरकार ने हिंसा भड़कने के कारणों से जुड़ी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को 17 जून को भेज दी थी. इसमें गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासनिक परिषद के प्रस्तावित चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने और हिंसा भड़काने में पूर्वोत्तर राज्यों मंल सक्रिय उग्रवादियों की मौजूदगी को दार्जिलिंग जिले में उपजे अलगाववादी आंदोलन की प्रमुख वजह बताया गया है.