भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सोमवार को भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना है क्योंकि बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव उत्तर की ओर आ रहा है. उन्होंने कहा, "अभी तक यह दबाव है, जो सोमवार की सुबह तक गहराते हुए ज्यादा दबाव में बदल जाएगा तथा सोमवार शाम तक यह और तेज होकर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा. यदि यह एक चक्रवाती तूफान के रूप में उभर कर सामने आता है तो इसे चक्रवात आसनी के नाम से जाना जाएगा."


आईएमडी के वैज्ञानिकों ने एएनआई को बताया कि शनिवार शाम तक दक्षिणपूर्व और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना डिप्रेशन 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ रहा था। उन्होंने कहा, "बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी के ऊपर कार निकोबार (निकोबार द्वीप समूह का उत्तरी भाग) के उत्तर-उत्तर-पूर्व में लगभग 200 किमी और पोर्ट ब्लेयर (अंडमान द्वीप समूह) के दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में 100 किमी पर बना दबाव अगले 12 घंटों में गहरे दबाव में और फिर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा."


इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवानों को तैनात किया गया है, जो खोज एवं बचाव अभियान चलाने के लिए सभी आवश्यक उपकरणों के साथ विभिन्न स्थानों पर तैयार हैं. भारतीय तटरक्षक के जहाज समुद्र में मछुआरों को बाहर निकाल रहे हैं और आगामी चक्रवात 'आसनी' से पहले रविवार दोपहर को मौसम संबंधित चेतावनी जारी की है. इसके अलावा, मछली पकड़ने, पर्यटन और शिपिंग गतिविधियों को रोक दिया गया है.


मछुआरों को समुद्र से लौटने की सलाह दी गई है. भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल स्टैंडबाय पर हैं. गृह मंत्रालय ने कहा कि जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार मदद के लिए तैयार हैं.


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