Cruise Party Aryan Khan Case: मुंबई में क्रूज ड्रग्स पार्टी को लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की कार्रवाई पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने सवाल खड़े किए हैं. नवाब मलिक ने इस मामले को फर्जी बताया है. नवाब मलिक ने दावा किया है कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को एनसीबी ने नहीं, बल्कि बीजेपी से जुड़े मनीष भानुशाली ने गिरफ्तार किया था.

आर्यन को NCB के पास लाने वाले बीजेपी के नेता- मलिक

नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुलासा किया कि एनसीबी की इस कार्रवाई में बीजेपी का हाथ है और यह गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. नवाब मलिक ने कहा है कि आर्यन खान को एनसीबी के पास लाने वाले और सेल्फी लेने वाले केपी गोस्वावी और मनीष भानुशाली बीजेपी के नेता हैं.  

आर्यन के साथ सेल्फी लेने वाला शख्स एनसीबी का नहीं

दरअसल आर्यन खान जिस दिन से गिरफ्तार हुआ था, उस दिन उसके साथ एक व्यक्ति की सेल्फी वाली तस्वीर वायरल हुई थी. इसके बाद एनसीबी ने कहा थि सेल्फी लेने वाला शख्स उनके विभाग का आदमी नहीं है. बाद में इस शक्स का संबंध बीजेपी से पाया गया है तो एनसीबी की पूरी कार्रवाई पर उठ खड़े हो गए.

बीजेपी नेता मनीष भानुशाली ने दी थी ड्रग्स पार्टी की जानकारी

हालांकि इस मुद्दे पर बीजेपी नेता मनीष भानुशाली का भी एक जवाब आया है. उनका कहना है, ‘’मैं बीजेपी के कार्यकर्ता हूं. क्रूज पर होने वाली इस पार्टी की जानकारी मुझे मिली थी, जिसकी जानकारी मैंने एनसीबी को दी थी और एक विटनेस के तौर पर मुझे एनसीबी दफ्तर भी बुलाया गया था. बाकी इस मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है. मैं मलिक पर मानहानि का केस करूंगा. उन्होंने इस मामले में मेरे नाम का खुलासा किया है. मुझे सुरक्षा दी जाए.’’

मनीष भानुशाली और केपी गोसावी स्वतंत्र गवाह- NCB

नवाब मलिक के आरोपों पर एनसीबी के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और एनसीबी के ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया. ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि मनीष भानुशाली और केपी गोसावी स्वतंत्र गवाह हैं. उन्होंने कहा कि एजेंसी पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. अधिकारियों को क्रूज से कई तरह के ड्रग्स मिले और कैश भी बरामद किया गया.

बीजेपी ने किया नवाब मलिक पर पलटवार

वहीं, नवाब मलिक के आरोपों पर बीजेपी विधायक राम कदम ने भी पलटवार किया. राम कदम ने कहा, ‘’एनसीबी के अफसरों ने बहुत साहस के साथ कार्रवाई की. एक ओर पूरा देश अफसरों की तारीफ कर रहा है. तो वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री उनपर सवाल खड़े कर रहे हैं और उन अफसरों का अपमान कर रहे हैं. ड्रग माफिया के साथ महाराष्ट्र सरकार के क्या संबंध हैं?’’

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