CPM Protest Against CAA: कांग्रेस के बाद अब विपक्षी दल सीपीआई-एम ने बुधवार (22 मई) को धमकी दी कि अगर त्रिपुरा सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन की प्रक्रिया को तुरंत नहीं रोका तो वह आंदोलन शुरू करेगी.


गृह मंत्रालय (एमएचए) की अधिसूचना के अनुसार, त्रिपुरा सरकार ने सीएए के तहत भारतीय नागरिकता लेने के लिए आवेदन प्राप्त करने, जांच करने, प्रसंस्करण और अंतिम रूप देने के लिए राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति और जिला स्तरीय समितियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है.


‘सीएए एक विचाराधीन मामला’


सीपीआई-एम के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा, “सीएए पूरे पूर्वोत्तर पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा क्योंकि यह इलाका पहले से ही अवैध आप्रवासियों के संकट से जूझ रहा है. यह अधिनियम खासकर राज्यों के मूल निवासियों के जीवन, संस्कृति और विरासत पर समस्या को कई गुना बढ़ा देगा. इसके अलावा, यह एक विचाराधीन मामला है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक सीएए के खिलाफ दायर लंबित मामलों का समाधान नहीं किया है.”


कांग्रेस ने भी दी विरोध प्रदर्शन करने की धमकी


इससे पहले त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) ने राज्य में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी थी. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने कहा था कि चुनिंदा प्रवासियों को नागरिकता देने से त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) और गैर-एडीसी क्षेत्रों की जनसांख्यिकीय संरचना बदल जाएगी. बर्मन ने कहा कि अगर तीन देशों के ‘‘हजारों’’ प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने के बाद गैर-आदिवासियों की आबादी बढ़ती है तो त्रिपुरा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए मौजूदा 31 प्रतिशत आरक्षण अपने आप कम हो जाएगा.


उन्होंने बीजेपी पर राजनीतिक लाभ के लिए सीएए का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और चेताया कि इस कदम से अन्य देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को बढ़ावा मिलेगा. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम सीएए के कार्यान्वयन का कड़ा विरोध करते हैं और मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौंपेंगे. इसके बाद, पार्टी अपनी आदिवासी शाखा-आदिवासी कांग्रेस के साथ इस विवादास्पद अधिनियम के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी.’’


सीएए के लिए बीजेपी सरकार ने किया समिति का गठन


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार ने सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदनों पर कार्रवाई के लिए राज्य में छह सदस्यीय अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है. सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करता है.


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