नई दिल्ली: दो महीने से ज्यादा वक्त से देश में चल रहे लॉकडाउन में अब सरकार रियायतें देने जा जा रही है. शनिवार को इसे लेकर गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई हैं. लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने पूछा कि जब देश में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं तो छूट क्यों दी जा रही है.


कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि ''यह देखा गया है कि मामलों के बढ़ जाने पर लॉकडाउन बढ़ाया जाता है, लेकिन भारत में यह पूरी तरह से विपरीत है. मामले बढ़ रहे हैं और लॉकडाउन वापस लिया जा रहा है. अन्य देशों में लॉकडाउन में छूट तब दी जाती है जब मामलों में गिरावट होती है. लेकिन भारत में लॉकडाउन में तब छूट दी जाती है जब प्रति दिन 8,000 नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि ''जिस गति से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में लॉकडाउन में रियायत देने से खतरा कई गुना बढ़ जाएगा.''


बता दें कि देश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 1 लाख 73 हजार 763 हो गई है. पिछले 24 घंटे में 7,964 नए मरीज बढ़े हैं जो कि एक दिन में सबसे ज्यादा है. पिछले 24 घंटे में 265 लोगों की मौत हुई. यह भी एक दिन में सबसे ज्यादा है. मरीजों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में 9वें नंबर पर आ चुका है. हर दिन नए केस की बढ़ती संख्या के मामले में भी भारत दुनिया में चौथे नंबर पर पहुंच चुका है. तो सवाल उठाना लाजमी है... जब भारत में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है तो देश लॉकडाउन से अनलॉक क्यों हो रहा है.


विपक्ष के इस सवाल का जवाब कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने दिया है. अमिताभ कांत ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर आंकड़ों के साथ बताया कि भारत में 51.8 फीसदी मामले सिर्फ पांच शहरों में सीमित हैं. ये पांच शहर हैं...


मुंबई                  20.89%
दिल्ली                10.61%
चेन्नई                  8.16%
अहमदाबाद       7.08%
ठाणे                   5.06%


भारत के 30 जिले ऐसे हैं जहां से 70 फीसदी मामले रिपोर्ट हुए


यानी देश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज इन पांच शहरों में ही हैं. अमिताभ कांत के मुताबिक भारत के 30 जिले ऐसे हैं जहां से 70 फीसदी मामले रिपोर्ट हुए हैं. अमिताभ कांत ने अपने ट्वीट में कोरोना से राष्ट्रीय मृत्य दर और रिकवरी रेट यानि मरीजों के ठीक होने की दर का भी हवाला दिया है. 30 मई 2020 तक जुटाए गए आकंड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना से मृत्युदर दो दशमलव आठ फीसदी है. और रिकवरी रेट 47 दशमलव 6 फीसदी है.


इस आंकड़ों को देश के सामने रखने के पीछे का तर्क ये है कि सरकार ने कोरोना क्लस्टर की पहचान कर ली है. कोरोना की महामारी कुछ खास इलाकों में ही सीमित है. ऐसे इलाकों में अनलॉक फेज में भी कोई छूट नहीं दी गई है. तो पूरे देश को बंद रखने से क्या फायदा.


रियायतों को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं


सरकार के पास लॉकडाउन की रियायतों को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है. 2019-20 में जीडीपी गिरकर 4.2 फीसदी पर पहुंच चुकी है,10 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. हर दिन लगभग 40 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. जीएसटी कलेक्शन में भी रिकॉर्ड गिरावट आई है. Unlock-1 में सभी देशवासियों को संयम के साथ गतिविधियों को चालू करना है, सावधानी के साथ कोरोना पर विजय प्राप्त करनी है और सबको मिलकर इस समस्या से बाहर निकलना है.


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