नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जीवन को फिर से वापस पटरी पर लाने के लिए नया दिशा निर्देश ‘अनलॉक वन’ जारी कर दिया. इसके तहत राज्यों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं. इसमें यह भी निर्देश दिए गए हैं कि समूची जीवन व्यवस्था को पटरी पर वापस लाने के लिए 3 चरणों में प्रयास किए जाएंगे. इसके तहत 8 जून से धार्मिक स्थल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटल और रेस्तरां खोलने की अनुमति दी गई है.


केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अंतरराज्यीय सीमाओं पर अब कोई भी ई-पास या किसी भी तरह के पास की जरूरत नहीं होगी और लोग बिना किसी रुकावट के आ-जा सकेंगे लेकिन राज्य प्रशासन महामारी प्रकोप को देखते हुए यह तय करेगा कि उसे क्या बंद करना है और क्या खोलना है.


केंद्र सरकार करेगी साप्ताहिक समीक्षा


केंद्र सरकार इस मामले में सभी चरणों के दौरान साप्ताहिक समीक्षा करेगी और इस साप्ताहिक समीक्षा के दौरान स्थिति गंभीर पाए जाने पर दी गई सुविधाओं को वापस भी लिया जा सकता है. ध्यान रहे कि केंद्र सरकार ने 24 मार्च, 2020 से ही पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू किया था. आवश्यक गतिविधियों या कार्यों को छोड़ सभी गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया था. इसके बाद कोविड-19 के फैलाव को रोकने के व्‍यापक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन से जुड़े उपायों में क्रमबद्ध ढंग से ढील दी गई है.


नए दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं


कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन उपाय सख्ती से लागू रहेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, राज्य/संघ शासित प्रदेश सरकारों द्वारा इनका सीमांकन किया जाएगा. कंटेनमेंट ज़ोन के भीतर, सख्त परिधि नियंत्रण बनाकर रखा जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी.


पहले से प्रतिबंधित सभी गतिविधियों को कंटेनमेंट जोन के बाहर चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा,  जो कि मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के पालन के करार के साथ, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित की जाएंगी:


चरण 1 : (8 जून, 2020 से खोलने की अनुमति)


-धार्मिक स्थान और सार्वजनिक पूजा स्थल


-होटल, रेस्तरां और अन्य आतिथ्य सेवाएं


-शॉपिंग मॉल.


स्वास्थ्य मंत्रालय सम्‍बद्ध केन्‍द्रीय मंत्रालयों/विभागों और अन्य हितधारकों की सलाह से उपरोक्‍त गतिविधियों के लिए एसओपी जारी करेगा ताकि एक दूसरे से दूरी बनाकर (सोशल डिस्‍टेंसिंग) रखी जा सके और कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके.


चरण 2


-स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक / प्रशिक्षण / कोचिंग संस्थान आदि राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श के बाद खोले जाएंगे.


-राज्य सरकारों / संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को सलाह दी जाती है कि वे माता-पिता और अन्य हितधारकों के साथ संस्थागत स्तर पर सलाह-मशविरा करें. फीडबैक के आधार पर, इन संस्थानों को फिर से खोलने के बारे में जुलाई, 2020 में निर्णय किया जाएगा. इन संस्थानों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय एसओपी तैयार करेगा.


देशभर में सीमित संख्‍या में प्रतिबंधित रहने वाली गतिविधियां


-अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई यात्रा


- मेट्रो रेल का परिचालन


-सिनेमाघर, व्‍यायामशाला, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार और ऑडिटोरियम, असेम्‍बली हॉल और इस प्रकार के अन्‍य स्‍थान और  सामाजिक/ राजनैतिक/ खेल/ मनोरंजन/ शैक्षणिक/ सांस्‍कृतिक/ धार्मिक समारोह/ और अन्‍य बड़े समागम.


- उपरोक्‍त गतिविधियों को खोलने की तारीखों के बारे में फैसला चरण III, में स्थिति के आकलन पर आधारित होगा.


लोगों और सामान की निर्बाध आवाजाही


अंतर-राज्यीय और राज्य के भीतर व्यक्तियों और सामान की आवाजाही पर कोई बंदिश नहीं होगी. ऐसी आवाजाही के लिए अलग से किसी प्रकार की अनुमति/स्वीकृति/ई-परमिट नहीं लेना होगा.


- हालांकि, यदि एक राज्य/संघ शासित क्षेत्र सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी वजहों और परिस्थितियों के आकलन के आधार पर, लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने का प्रस्ताव करता है तो उसे ऐसी आवाजाही पर बंदिशों को लागू करने और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं के पालन के संबंध में अग्रिम रूप से व्यापक प्रचार करना होगा.


-लोगों की आवाजाही, गैर आवश्यक गतिविधियों के लिए रात का कर्फ्यू पहले की तरह जारी रहेगा. हालांकि, कर्फ्यू का संशोधित समय अब रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक होगा.


-सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन पूरे देश में जारी रहेगा.


कंटेनमेंट जोन के बाहर होने वाली गतिविधियों पर राज्य करेंगे फैसला


हालात के आंकलन के आधार पर राज्य और संघ शासित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन (सील क्षेत्र) के बाहर चुनिंदा गतिविधियों पर रोक लगा सकते हैं या आवश्यकता के आधार पर ऐसी बंदिशों को लगा सकते हैं. 


कमजोर लोगों के लिए सुरक्षा


65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों, बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों जैसे कमजोर लोगों को आवश्यक जरूरतें पूरी करने और स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़कर घर पर ही रहने की सलाह दी गई है.


आरोग्य सेतु का उपयोग


कोविड 19 से संक्रमित लोगों, या संक्रमण के जोखिम वालों की त्वरित पहचान आसान बनाने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप्लीकेशन भारत सरकार द्वारा निर्मित शक्तिशाली साधन है. इस प्रकार यह लोगों और समुदाय की सुरक्षा के कवच के रूप में काम कर रहा है कि सरकार इन तमाम हालातों की समय-समय पर समीक्षा करेगी और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप भी करेगी राज्य सरकारों को यह भी स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में किसी तरह की कोई कमी नहीं कर सकते लेकिन सख्ती जरूर कर सकते हैं.


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