नई दिल्लीकांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चल रही प्रक्रिया के तहत आज पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना नामांकन भर दिया है. राहुल के अलावा किसी भी पार्टी नेता ने इस पद के लिए नामांकन नहीं भरा है. ऐसे में राहुल के निर्विरोध अध्यक्ष बनने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है. वर्तमान में छह राज्यों में ही कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस की सूरत बदलेगी.


राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस में आएगा बदलाव


ABP न्यूज़ से खास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘’राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस के काम करने के तरीके में बदलाव आएगा.  क्योंकि जवाहर लाल नेहरु के काम करने का तरीका अलग था. इंदिरा गांधी के काम करने का तरीका अलग था. इसी तरह राहुल गांधी के काम करने का तरीका भी अलग होगा.’’


पुराने नेताओं के लिए खतरे की घंटी


राशीद किदवई ने कहा, ‘’राहुल का अध्यक्ष बनना पुराने नेताओं के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. क्योंकि जब नया निजाम आता है तो नए कायदे कानून बनते हैं. हालांकि वरिष्ठ नेताओं की समय-समय पर सलाह ली जाएगी.’’ उन्होंने कहा, ‘’पार्टी में कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जो चुनाव नहीं जीत पाते. ऐसे में राहुल को अब ऐसे नेताओं की तलाश होगी जो कम से कम अपना चुनाव तो जीत पाएं और तमाम मुद्दों पर पकड़ रखते हों.’’


रशीद किदवई का कहना है कि पुराने नेताओं में मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, जनार्दन द्विवेदी जैसे दिग्गजों की छुट्टी हो सकती है.


कांग्रेस के पास कई अच्छे नेता हैं


रशीद किदवई ने आगे कहा, ‘’कांग्रेस के पास अजय माकन, मनीष तिवारी जैसे बहुत से अच्छे नेता हैं जो पार्टी को आगे लेकर जा सकते हैं. हर प्रदेश में कांग्रेस के पास कई ऐसे नेता है जिन्हें अनुभव भी है और जो कुछ कर सकते हैं.’’


उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चौहान, सचिन पायलट तरुण गोगई और प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी जैसे कई युवा चेहरे कांग्रेस के पास हैं जो कांग्रेस को आगे ले जा सकते हैं.


रशीद किदवई ने आगे कहा, ‘’कांग्रेस को टेक्नोलॉजी पर भी ध्यान देने की जरुरत है. पार्टी को सोशल मीडिया का महत्व भी समझना होगा. हो सकता है कि पार्टी को अभी नुकसान उठाना पड़े लेकिन अगर आने वाले समय में राहुल गांधी विफल हो जाते हैं तो कांग्रेस को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.’’


उनका कहना है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नेहरू-गांधी पर पूरा निवेश किया है कि इसलिए वो राहुल से 2024 तक सत्ता दिलाने का इंतजार करेंगे.


यह भी पढ़ें-


जानिए- बीते 39 सालों में 32 साल से कांग्रेस पर नेहरू-गांधी परिवार का ही कब्जा है


अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी की राह नहीं होगी आसान, सामने होंगी ये चुनौतियां


IN PICS: कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले पढ़ें राहुल गांधी का पूरा रिपोर्ट कार्ड


13 साल पहले राष्ट्रीय राजनीति में आए थे राहुल, वक्त के साथ बढ़ती गईं जिम्मेदारियां