Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन शनिवार से शुरू हो जाएगा जो कि एक हफ्ते तक चलेगा. इस चुनाव में गांधी परिवार के बाहर रहने के कारण रोचक मुकाबले की उम्मीद है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने नामांकन दाखिल करने का एलान कर दिया है. उन्हें शशि थरूर टक्कर दे सकते जो कि केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से लगातार तीन बार के सांसद हैं.


संभावना जताई जा रही है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी भी पर्चा भर सकते हैं. करीब 22 सालों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने जा रहा है. इस चुनाव में दिग्गज नेता अशोक गहलोत का पलड़ा सबसे भारी नजर आता है. उन्होंने एनएसयूआई की राजस्थान की इकाई प्रमुख से शुरुआत कर केंद्रीय मंत्री और तीन–तीन बार मुख्यमंत्री तक की कुर्सी संभाली है. साल 2017 में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को कांग्रेस में दूसरा सबसे अहम पद यानी संगठन महासचिव बनाया. भले ही इस बार के अध्यक्ष चुनाव में गांधी परिवार खुद को तटस्थ बता रहा है लेकिन माना जा रहा है कि गहलोत को गांधी परिवार का विश्वास हासिल है.


क्या एकतरफा चुनाव होगा?
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ही अशोक गहलोत को पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा था. उनका नाम सामने आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने उनकी खुल कर पैरवी की थी. मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी के मुताबिक गहलोत के साथ कांग्रेस के आम जनों को भावनाएं जुड़ी हैं. कांग्रेस के जो वरिष्ठ नेता खुल कर नहीं भी बोल रहे उन्हें भी लगता है कि गांधी परिवार के "उम्मीदवार" के नाते वो एकतरफा चुनाव जीत सकते हैं.


दूसरी तरफ शशि थरूर हैं जो तीन बार से लोकसभा सांसद और प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रमुख हैं, लेकिन संगठन में उनकी छवि बाहरी नेता की है. थरूर के व्यक्तित्व से तो लोग प्रभावित होते हैं लेकिन बीत दस–बारह सालों में उन्होंने कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं से खुद को जोड़ नहीं पाए हैं. अगस्त 2020 में गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस के जिन जी–23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस में व्यापक सुधारों की मांग की थी उनमें से एक थरूर भी थे. उन्हें महत्वाकांक्षी और अवसरवादी माना जाता है.


हाल में ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए मतदाता सूची सार्वजनिक करने की मांग कर डाली थी. दिलचस्प बात यह है कि सूत्रों के मुताबिक शशि थरूर को जी–23 के बचे हुए नेताओं का विश्वास भी हासिल नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि उनको केरल समेत दक्षिण के राज्यों में काफी वोट मिल सकता है.


मनीष तिवारी क्या अध्यक्ष बनेंगे? 
जी–23 की तरफ से सांसद मनीष तिवारी का नाम आगे किया जा सकता है. हाल के दिनों में उन्होंने जहां अग्निपथ योजना के बहाने मोदी सरकार की तारीफ की. वहीं गाहे–बगाहे कांग्रेस पर निशाना साधा है. जाहिर है उन्हें जी–23 के कुछ चेहरों का साथ मिल भी जाए तो भी आम कार्यकर्ता उन्हें शक की नजर से देखते हैं. उनके पक्ष में एक अहम बात यह है कि बीते दिनों राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित करने के लिए हुई पंजाब कांग्रेस नेताओं की बैठक में आठ में केवल दो लोकसभा संसद मौजूद रहे. जाहिर है मनीष तिवारी को पंजाब में जबर्दस्त समर्थन मिलने की उम्मीद है.


चुनाव में आखिरी मुकाबले की तस्वीर तय होने के लिए आठ अक्टूबर तक इंतजार करना होगा जो नामांकन वापसी की आखिरी तारीख है. मतदान 17 अक्टूबर को और नतीजे 19 अक्टूबर आएंगे. कांग्रेस अध्यक्ष चुनने के लिए करीब नौ हजार मतदाता हैं. इन्हें राज्य प्रतिनिधि कहते है जो कि कांग्रेस संगठन के मुताबिक देश भर से एक–एक ब्लॉक का प्रतिनिधित्व करते हैं.


नया कांग्रेस अध्यक्ष जो भी हो लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि 24 सालों के बाद पार्टी को गांधी परिवार के बाहर से अध्यक्ष मिलने वाला है. हालांकि यह सबको पता है कि इसके बावजूद पार्टी की कमान गांधी परिवार के हाथों में ही रहेगी. साल 2019 लोकसभा चुनाव में करारी हार के ठीक बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके कुछ महीने बाद सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनने के लिए राजी किया. अपने इस्तीफे के समय ही राहुल गांधी ने साफ कर दिया था कि अगला कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का होगा. 


यह भी पढ़ें-


RJD Vs BJP: लालू यादव बोले- 2024 में बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर फेंक देंगे, सोनिया से मिलने नीतीश के साथ जल्द जाएंगे दिल्ली


'गहलोत बनें या थरूर, सिर्फ कठपुतली होंगे', कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव पर बीजेपी का तंज