![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
राहुल गांधी का रोल, कांग्रेस का गोल और मोदी की चुनौती, क्या मछली की आंख भेद पाएंगे मल्लिक‘अर्जुन’?
Congress President Mallikarjun Kharge: मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत के बाद राहुल गांधी से सवाल किया गया कि खड़गे की जीत के बाद अब उनका पार्टी में क्या रोल होगा?
![राहुल गांधी का रोल, कांग्रेस का गोल और मोदी की चुनौती, क्या मछली की आंख भेद पाएंगे मल्लिक‘अर्जुन’? Congress new President Mallikarjun Kharge to decide Rahul Gandhi Role in Party PM Modi challenge 2024 Election राहुल गांधी का रोल, कांग्रेस का गोल और मोदी की चुनौती, क्या मछली की आंख भेद पाएंगे मल्लिक‘अर्जुन’?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/01/bdb6f7b49af2f98e169f81bdd5cb71001664620432384282_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Congress President Mallikarjun Kharge: करीब दो दशक से ज्यादा वक्त के बाद कांग्रेस को गांधी परिवार के बाहर का कोई अध्यक्ष मिला है. मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. खड़गे के खिलाफ शशि थरूर ने चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें महज 1072 वोट ही मिल पाए, जबकि खड़गे को कुल 7897 वोट मिले. खास बात ये भी है कि कांग्रेस के 138 साल के इतिहास में ये तीसरी बार है कि किसी दलित नेता को अध्यक्ष बनाया गया हो. इसी बीच भारत जोड़ो यात्रा कर रहे राहुल गांधी का एक बयान सामने आया है, जिसके कई मायने निकाले जा सकते हैं.
खड़गे ही तय करेंगे रोल- राहुल गांधी
मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत के बाद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान राहुल से जब सवाल किया गया कि खड़गे की जीत के बाद अब उनका पार्टी में क्या रोल होगा? इस पर राहुल ने जवाब देते हुए कहा कि ये अब खड़गे जी ही तय करेंगे कि पार्टी में उनका अगला रोल क्या होगा. कांग्रेस और खुद राहुल गांधी के भविष्य को लेकर ये बयान काफी बड़ा नजर आता है.
राहुल गांधी का ये कहना बिल्कुल भी आम नहीं है कि खड़गे उनका रोल डिसाइड करेंगे. भले ही उन्होंने अपने इस बयान से ये साबित करने की कोशिश की हो कि रिमोट कंट्रोल अध्यक्ष के हाथ में ही होगा, लेकिन इसे दूसरे तरीके से देखा जाए तो ये वाकई में राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य को लेकर दिया गया अहम बयान है.
अपनी ही पार्टी में संघर्ष करते राहुल गांधी
राहुल गांधी को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले 2017 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, पीएम मोदी के सामने उन्हें एक ताकतवर और युवा नेता के तौर पर पेश किया गया. तमाम राज्यों के चुनावों में राहुल एक स्टार प्रचारक की तरह दिखे. लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों ने राहुल गांधी के कद को कम करने का काम कर दिया. 2019 में कांग्रेस पार्टी ने सबसे बुरा प्रदर्शन किया और महज 52 सीटों पर सिमट गई. इतनी बड़ी हार के बाद राहुल गांधी ने इसकी जिम्मेदारी ली और इस्तीफा दे दिया, साथ ही ये भी ऐलान कर दिया कि गांधी परिवार से अगला अध्यक्ष नहीं होगा. इसके बाद कांग्रेस को नया अध्यक्ष खोजने में करीब तीन साल से ज्यादा का वक्त लग गया.
अध्यक्ष रहने के दौरान राहुल गांधी पर ये भी इल्जाम लगता रहा कि वो पार्टी को एकजुट नहीं कर पाए. पार्टी के तमाम सीनियर नेताओं के साथ राहुल के संबंध कभी भी उतने अच्छे नहीं रहे. इसका नतीजा ये रहा कि तमाम बड़े नेताओं के एक धड़े ने राहुल और सोनिया के खिलाफ ही जंग छेड़ दी और खुलकर सवाल उठाए. इस धड़े को आज जी-23 के नाम से जाना जाता है. इसमें शामिल कांग्रेस के बड़े नेता गुलाम नबी आजाद पार्टी छोड़ चुके हैं. इसके साथ ही कांग्रेस से तमाम बड़े नेताओं के इस्तीफे को भी आलाकमान की नाकामी के तौर पर ही देखा गया.
क्या राहुल को मिलेगी नई पिच?
अब मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी के लिए भी आगे का रास्ता आसान हो जाएगा. माना जा रहा है कि राहुल को इससे नई पिच मिलने में आसानी होगी. जिसमें वो खुलकर बैटिंग कर सकते हैं. क्योंकि खड़गे गांधी परिवार के काफी करीब माने जाते हैं, ऐसे में पार्टी को एकजुट करने के अलावा उनकी ये जिम्मेदारी भी होगी कि कैसे वो राहुल गांधी का कद पार्टी में बड़ा करते रहें. राहुल पहले ही भारत जोड़ो यात्रा से अपना कद बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं, वहीं आने वाले वक्त में खड़गे भी इसमें उनका पूरा साथ दे सकते हैं.
2024 में मोदी की चुनौती
अब कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती आने वाले 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ रणनीति बनाने की है. 2014 और 2019 में बीजेपी ने पीएम मोदी के नेतृत्व में कांग्रेस को धराशायी कर दिया. अब 2024 में कांग्रेस चाहेगी कि वो अपना प्रदर्शन बेहतर करे. ऐसे में राहुल गांधी के पास पूरा मौका है कि अब वो अपना फोकस इसी पर रखें. क्योंकि पार्टी का तमाम कामकाज अब सीधे खड़गे ही संभालने वाले हैं, तो राहुल 2024 पर फोकस करेंगे. यही वजह है कि राहुल गांधी का पार्टी में फिलहाल कोई भी रोल तय नहीं हुआ है और मुमकिन है कि आगे भी ऐसा ही रहे. ये भी हो सकता है कि 2024 से पहले कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर दे.
कुल मिलाकर 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे के कंधों पर काफी ज्यादा जिम्मेदारियों का बोझ होगा. ये देखना होगा कि राहुल गांधी को बराबरी से साथ लेकर चलने और पीएम मोदी की चुनौती को पार पाने में खड़गे कितने कारगर साबित होते हैं. ये उनके लिए मछली की आंख भेदने जैसा ही होगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)