उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में नए सिरे से कलह शुरू हो गई है. इस बीच आज एक बार फिर कांग्रेस के जी 23 ग्रुप के नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की. आजाद के घर पर हुई बैठक में कपिल सिब्बल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पहुंचे. माना जा रहा है कि इन नेताओं ने आगे की रणनीति पर चर्चा की


इससे पहले बुधवार को भी जी 23 ग्रुप के नेताओं ने आजाद के घर पर बैठक की थी. इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह, पृथ्वीराज चौहान, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, संदीप दीक्षित, परिणीत कौर, शशि थरूर, राज बब्बर, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा और भूपेंद्र हुड्डा समेत कई नेता शामिल हुए थे. वहीं आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की. 


बता दें कि जी 23 ग्रुप में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए. सिब्बल के इस बयान पर गांधी परिवार के करीबी नेताओं ने पलटवार किया है. 


जी 23 ग्रुप के नेताओं पर निशाना


जी 23 नेताओं की बैठकों को लेकर आज लोकसभा में नेता कांग्रेस अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सोनिया गांधी हर कांग्रेसी से बातचीत के लिए तैयार हैं. जब जरूरत है कि हमें एक साथ लड़ना चाहिए, तो कुछ राजनेता (G23 नेता) पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. अगर उनकी मंशा सही है तो सोनिया गांधी से बात क्यों नहीं करते हैं?


वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद भी ‘जी 23’ समूह के नेता बार-बार बैठकें करके पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पूरी कांग्रेस में कोई भी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को कमजोर नहीं कर सकता और पार्टी के सभी लोग उनके साथ हैं.


जी 23 का बयान
बुधवार को हुई जी 23 की बैठक के बाद बयान में कहा गया कि हम कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी से नेताओं के निकलने को लेकर विचार विमर्श किया. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कांग्रेस के लिए आगे बढ़ने का यही तरीका है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की व्यवस्था अपनाई जाए और हर स्तर पर निर्णय हो.’’


उनका यह भी कहना है, ‘‘बीजेपी का विरोध करने के लिए जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत किया जाए. हम मांग करते हैं कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली सभी ताकतों के साथ संवाद की शुरुआत करे ताकि 2024 के लिए विश्वसनीय विकल्प पेश करने के लिए एक मंच बन सके.’’


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