रायपुर: दिल्ली के लाल किले में 26 जनवरी को जिस तरह से किसानों ने लाल किले में अपने धर्म का झंडा लहराया और उत्पात मचाया उसकी हर जगह निंदा हो रही है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू झंडा लगाने वालों को केंद्र सरकार के लोग बता रहे हैं. ताम्रध्वज साहू ने विवादित बयान देते हुए कहा की वो सभी लोग केंद्र सरकार के द्वारा किसान आंदोलन में भेजे गए थे.


खालिस्तानी थे तो केंद्र सरकार ने उन्हें आंदोलन से अलग क्यों नहीं किया


गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना है कि जब इतने दिनों से किसान आंदोलन पर बैठे हुए थे तो केंद्र सरकार को उनकी बातें मान लेनी चाहिए थी. अगर केंद्र सरकार किसानों की बात मान लेती तो आज जो हालात दिल्ली में बने वो नहीं बनते. इस पूरी घटना की जिम्मेदार केंद्र सरकार है. साथ ही गृहमंत्री ने यह भी कहा कि अगर आंदोलन में खालिस्तानी थे तो केंद्र सरकार के पास कई एजेंसियां हैं, उनसे जांच करा कर किसान आंदोलन से ऐसे लोगों को अलग कर देना था. सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया? छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ने बीजेपी के ऊपर हमला बोलते हुए यह भी कहा की जो उत्पात मचा रहे थे वह सभी बीजेपी के लोग थे. वे लोग किसानों के आंदोलन को फेल करने आये थे. किसान लोग ऐसा नहीं करते हैं.


बीजेपी बोली- कांग्रेस नक्सलियों और आतंकवादी को पोषित करती है


गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के इस बयान के बाद बीजेपी ने भी पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा है की आतंकवादी और नक्सलियों को पोषित करने वालों से बीजेपी को इसी तरीके के बयान की उम्मीद थी. देश की आत्मा पर किस तरह का हमला किया गया और किन लोगों ने किया ये देश ने देखा है. ऐसे मौके में आग में घी डालकर रोटी सेंकने का काम प्रदेश के गृहमंत्री कर रहे हैं. ये इन लोगों की पुरानी आदत है. इस तरीके के विध्वंश में कैसे अपना राजनीतिक हित साधा जाए, ये कांग्रेस को बखूबी आता है.


दिल्ली पुलिस की एफआईआर में 37 किसान नेताओं के नाम, योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत समेत इन पर हुआ केस