नई दिल्ली: 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 300 से ज्यादा जवान घायल हो गये है. किसानों का ये हंगामा दिल्ली के कई इलाको में हुआ. लाल किला, आईटीओ और नांगलौई समेत कई जगहों पर हुई हिंसा में पुलिस कर्मी घायल हुए हैं.


दिल्ली पुलिस अब मामले में सख्त होते हुए दिखाई पड़ रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर आरोपियों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस की टीम जुट गई है. दिल्ली पुलिस को मिली उपद्रवियों की तमाम वीडियो रिकॉर्डिंग, मोबाइल फुटेज का एनालिसिस किया जा रहा है और इसके जरिये इनको पकड़े के लिये टीम जुट गई है.


सीसीटीवी कैमरों की फुटेज इक्कठा कर जांच शुरू कर दी गई है


लाल किले, सेंट्रल दिल्ली, मुकरबा चौक और नांगलोई जहां-जहां उपद्रव हुआ वहां लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज इक्कठा कर जांच शुरू कर दी गई है. साथ ही आरोपियों की पहचान के लिए क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की भी मदद ली जा रही है. बताया जा रहा है कि पुलिस पर हमला करने वालों, लाल किले की प्राचीर पर चढ़ने वालों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों उपद्रवियों की मोबाइल क्लिप और सीसीटीवी फुटेज पुलिस के पास मौजूद है जिनकी पहचान करने का कार्य शुरू कर दिया गया है.


किसान नेताओं की पहचान भी की जा रही है


इसके साथ पुलिस उन किसान नेताओं की पहचान भी की जा रही है जिन्होंने आंदोलनकारियों को निर्धारित रूट से अलग सेंट्रल दिल्ली में जाने के लिए भड़काया. दरअसल, कल हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के एसएचओ बुराड़ी के सर में चोट गहरी लगी है. एसएचओ वजीराबाद भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं जो इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं. फिलहाल उनकी उंगलियों का ऑपरेशन किया जा रहा है.


डीसीपी नार्थ के स्टाफ ऑफिसर को भी चोट लगने की खबर है. हिंसा के दौरान उत्तरी दिल्ली में 41 पुलिसकर्मी वहीं, पूर्वी दिल्ली में 34, पश्चिमी दिल्ली में 27, द्वारका में 32, बाहरी-उत्तरी जिले में 12, शाहदरा में 5, दक्षिण जिले में 4 और दिल्ली के बाहरी जिलों में75 पुलिसकर्मी घायल हुए.


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