नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में बीजेपी ने जन जागरण अभियान प्रोग्राम की घोषणा की है. इसके तहत बीजेपी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी घर-घर जाकर लोगों को नागरिकता संशोधन कानून की बारीकियों से अवगत कराएंगे. खुद बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली में घर घर संपर्क कर अभियान की शुरुआत करेंगे. जबकि जेपी नड्डा गाजियाबाद, राजनाथ सिंह लखनऊ, नितिन गडकरी नागपुर और स्मृति ईरानी गुड़गांव में घर घर संपर्क करेंगे. इसी तरह केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य बीजेपी नेताओं को देश के अलग अलग शहरों की जिम्मेदारी दी गई है. महासचिव अनिल जैन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर जिस तरह कांग्रेस के नेतृत्व में कुछ विपक्षी पार्टियों द्वारा दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है और हिंसा और तनाव उत्पन्न करने की राजनीति की जा रही है, उन सब भ्रांतियों को दूर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने देशव्यापी जन-जागरण अभियान हाथ में लिया है.


दरअसल नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने संसद से लेकर सड़क तक भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. यही नहीं जिस दिन से कानून संसद में पास हुआ है उसके बाद से जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समेत लखनऊ दिल्ली व देश के अन्य हिस्सों में मुस्लिमों में भ्रम की स्थिति है. जिसकी वजह से जगह-जगह सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए. मुसलमानों और देश के अन्य नागरिकों में में व्याप्त भ्रम को दूर करने के लिए बीजेपी ने जन जागरण अभियान का ऐलान किया है. शुक्रवार को बीजेपी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ अनिल जैन ने बताया कि जन-जागरण अभियान के पांच भाग हैं. घर-घर संपर्क कार्यक्रम, संवाद समिति, विशेष सामाजिक संपर्क अभियान, सोशल मीडिया और मीडिया. घर-घर सम्पर्क कार्यक्रम के लिए छः सदस्यों वाली एक केंद्रीय समिति बनी है जिसकी अध्यक्षता बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन करेंगे.


घर-घर संपर्क अभियान का आरंभ 05 जनवरी 2020 को होगा. इस दिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, बीजेपी के सभी मुख्यमंत्री, सभी उप-मुख्यमंत्री एवं पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता एक साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. CAA का समर्थन करने के लिए बीजेपी ने टोल फ्री नंबर 8866288662 भी जारी किया है और पार्टी नेता देश की जनता से इस नंबर पर मिस्ड कॉल के जरिये नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने का भी आह्वान करेंगे. कार्यक्रम के चित्र, समर्थन संदेश आदि #IndiaSupportsCAA के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किये जायेंगे. पार्टी घर-घर संपर्क अभियान के तहत नागरिकता संशोधन कानून को समझाने के लिए साहित्य भी जनता के बीच बांटेगी.


बीजेपी ने बनाई टीम
संवाद समिति की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य सभा सांसद अरुण सिंह करेंगे. संवाद समिति हर जिले में पत्रकार गोष्टी, रैलियाँ, बुद्धिजीवी सम्मेलन, प्रदेश स्तर पर तीन-चार बड़ी-बड़ी रैलियों के अतिरिक्त देश भर में लगभग एक लाख नुक्कड़ सभाएं आयोजित करेगी. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में विशेष सामाजिक संपर्क कार्यक्रम के तहत विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, संस्कृति, खेल आदि के प्रमुख लोगों के साथ व्यक्तिगत संपर्क किया जाएगा और CAA के बारे में स्पष्टता दी जायेगी. जबकि सोशल मीडिया टीम आईटी सेल के हेड अमित मालवीय देखेंगे. ट


मीडिया टीम में बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख डॉ संजय मयूख के सहित सभी प्रवक्ता होंगे. यह टीम देश भर में लगभग 250 स्थानों पर प्रेस वार्ता आयोजित करेगी और पत्रकार बधुओं एवं स्तंभकारों से भी व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर नागरिकता संशोधन कानून पर स्पष्टता दी जायेगी.


कांग्रेस और विपक्ष पर डॉ अनिल जैन ने साधा निशाना
यह कांग्रेस है जिसने आजादी के समय धर्म के आधार पर देश का बंटवारा स्वीकार किया. विभाजन के बाद भारत ने तो अल्पसंख्यकों को बराबर का सम्मान और अधिकार दिया लेकिन पाकिस्तान में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई एवं पारसी अल्पसंख्यक समुदायों पर भीषण अत्याचार किया गया. उन्होंने कहा कि आज दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस, आप पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, राजद एवं कम्युनिस्ट पार्टियों द्वारा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता दिए जाने का विरोध हो रहा है. महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी तक ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यक शरणार्थियों की नागरिकता की वकालत की थी लेकिन कांग्रेस इसका आज विरोध कर रही है. डॉ जैन ने कहा कि कांग्रेस के लोग तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में इतने अंधे हो चले हैं कि मानवता के इस कार्य का समर्थन करने के बजाय वे खुद की गलती के लिए मोदी सरकार का विरोध कर रहे हैं.


अनिल जैन ने कहा कि मैं एक बार पुनः यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देता है, देश के किसी भी नागरिक का कोई अधिकार छीनता नहीं है. वास्तव में तो इस कानून का देश के किसी भी नागरिक से कोई लेना-देना ही नहीं है.