नई दिल्लीः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के भीतर गतिरोध ख़त्म करने की कोशिश शुरू हो गई है. इसी कोशिश के तहत बुधवार 24 जून को महागठबंधन के सभी 6 दलों के नेताओं के बीच पहली बैठक हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हुई बैठक ऐसे समय पर हुई जब आरजेडी के पांच विधान परिषद सदस्यों के जेडीयू में जाने और वरिष्ठ आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के बाद सियासत तेज़ हो गई है.


अहमद पटेल ने की बैठक


बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल के अलावा पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और बिहार प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल मौजूद थे. वहीं राज्यसभा सांसद मनोज झा (आरजेडी), पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (हम), उपेंद्र कुशवाहा (आरएलएसपी), मुकेश साहनी (वीआईपी) और अर्जुन राय (एलजेडी) भी बैठक में शरीक हुए.


इनके अलावा कांग्रेस की बिहार यूनिट के वरिष्ठ नेता भी बैठक में मौजूद थे. रोचक बात ये रही कि आरजेडी की ओर से तेजस्वी यादव ने बैठक में भाग नहीं लिया.


फिर उठी समन्वय समिति की मांग


सूत्रों के मुताबिक बैठक में एक बार फिर समन्वय समिति बनाने की मांग उठाई गई. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार और टिकटों के बंटवारे पर फ़ैसला लेने के लिए समन्वय समिति की मांग पहले से ही होती रही है. ख़ासकर हम पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इसकी मांग करते आए हैं.


मांझी ने तो समन्वय समिति बनाने के लिए तेजस्वी यादव को 25 जून यानि गुरुवार तक का अल्टीमेटम दिया है. ऐसा नहीं करने पर मांझी ने अगला कदम उठाने का ऐलान किया था.


सीएम उम्मीदवार पर कोई बातचीत नहीं: आरजेडी 


हालांकि आरजेडी तेजस्वी यादव के नेतृत्व के सवाल पर मोलभाव करने को तैयार नहीं है. पार्टी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते आरजेडी की ओर से तेजस्वी यादव ही इसके नेता होंगे और उनके नेतृत्व में ही गठबंधन चुनाव में उतरेगा. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में आरजेडी ने सहयोगी दलों की मांग पर विचार करने के लिए इस हफ़्ते के अंत तक का समय मांगा है.


इस हफ़्ते तेजस्वी आ सकते हैं दिल्ली


तेजस्वी यादव के इसी हफ़्ते दिल्ली आने और कांग्रेस नेताओं से मिलने की संभावना है. ऐसे में माना जा रहा है कि गेंद कांग्रेस के पाले में है. आरजेडी को छोड़कर अन्य दलों के नेता चाहते हैं कि कांग्रेस को तेजस्वी यादव के साथ-साथ उनके पिता और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को समन्वय समिति के गठन के लिए मनाना चाहिए ताकि गतिरोध दूर हो सके. हालांकि कांग्रेस इस मसले पर आरजेडी के साथ खड़ी नज़र आ रही है.


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