नई दिल्ली: बंगाल की नवगठित सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय के बीच एक बार फिर तलवारें खिंच सकती हैं क्योंकि बंगाल में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे अति गंभीर मानते हुए जहां अपनी 4 सदस्यीय टीम पश्चिम बंगाल के जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए भेज दी है, वहीं दूसरी तरफ मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से कानून व्यवस्था पर रिपोर्ट तलब की है. गृह मंत्रालय की 4 सदस्यीय टीम वापस लौट कर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को देगी जिसके आधार पर मंत्रालय कुछ कड़े फैसले ले सकता है.


गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कानून व्यवस्था को लेकर कोई रिपोर्ट जब 72 घंटे के बीतने के बाद भी मंत्रालय को नहीं मिली तो मंत्रालय इस पर बेहद गंभीर हो गया. प्रतिदिन पश्चिम बंगाल से ऐसी खबरें आ रही है कि वहां पर इरादतन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और खुद केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने भी ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि उनकी गाड़ी पर हमला किया गया. मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव के निर्देशन में 4 सदस्यीय टीम पश्चिम बंगाल भेज दी गई है. इस टीम ने बंगाल में पहुंचकर अपना काम भी शुरू कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक 4 सदस्यीय यह टीम पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में जाकर वास्तविक स्थिति का आंकलन करेगी. जो जगह सबसे ज्यादा प्रभावित हैं वहां से यह जानने की भी कोशिश करेगी कि आखिर ऐसे हालात क्यों पैदा हो गए. टीम इस बात का भी जायजा लेगी कि स्थानीय प्रशासन ने इस हिंसा को रोकने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाए थे या नहीं या स्थानीय प्रशासन घटनाओं पर मूकदर्शक की भूमिका निभा रहा था.


पश्चिम बंगाल हिंसा नहीं चाहता- ममता बनर्जी


मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में गई टीम वापस लौटकर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय कुछ कड़े निर्णय भी ले सकता है. वहीं दूसरी तरफ मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में हिंसा पर तत्काल रोक लगाने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से कानून व्यवस्था पर भी एक रिपोर्ट तलब की है. यह रिपोर्ट शुक्रवार तक भेजने के लिए कहा गया है. ध्यान रहे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 3 मई को पश्चिम बंगाल प्रशासन को पत्र भेजकर चुनाव परिणाम आने के फौरन बाद फैली हिंसा पर रिपोर्ट मांगी थी. लेकिन पश्चिम बंगाल प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था. इसके बाद केंद्रीय गृह सचिव ने 5 तारीख की शाम पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब की थी.


मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र में स्पष्ट कर दिया गया था कि यदि पश्चिम बंगाल सरकार रिपोर्ट नहीं भेजती है तो मंत्रालय इसे बेहद गंभीरता से देखेगा. मंत्रालय की पूरी कोशिश है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद से बढ़ रही हिंसा पर तत्काल रोक लग जाए और जो भी दोषी लोग हैं उनके खिलाफ प्रशासन कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई करे. इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता भी पश्चिम बंगाल पहुंच चुके हैं. भाजपा का आरोप है कि चुनाव के बाद उसके लोगों को निशाना बनाकर उनके साथ हिंसा की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शपथ लेने के फौरन बाद कहा कि अभी तक प्रशासन उनके पास नहीं था क्योंकि पश्चिम बंगाल में चुनाव चल रहे थे लेकिन अब वह खुद मामले को देखेंगीं और पश्चिम बंगाल हिंसा नहीं चाहता. फिलहाल इस हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय के बीच एक बार फिर तलवार खिंचने की संभावना है.


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