पश्चिम बंगाल में 2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद जिस तरह की हिंसा भड़की और लूटपाट की गई, इस घटना को केन्द्रीय गृह मंत्रालय बेहद सख्ती से लिया है. गृह मंत्रालय की तरफ से बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है, खासकर चुनाव के बाद हिंसा के संबंध में रिपोर्ट भेजने को कहा है.


केन्द्रीय मंत्री के काफिले पर हमला


इधर, गुरुवार को बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन की कार पर स्थानीय लोगों ने हमला किया है. ये जानकारी खुद मुरलीधरन ने हमले का वीडियो ट्वीट कर दी है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया है. वहीं टीएमसी का कहना है कि ये बीजेपी की आपसी रंजिश का नतीजा है.


दरअसल, कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अपने कार्यकर्ताओं को हौसला देने के लिए बंगाल जा रहे हैं. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन आज पश्चिमी मिदनापुर में एक बीजेपी कार्यकर्ता से मिलने उनके घर जा रहे थे. तभी रास्ते में लाठी डंडों से उनके काफिले पर हमला हुआ है. इस दौरान उनकी गाड़ियों के शीशे टूट गए.






बंगाल हिंसा की जांच के लिए चार-सदस्यीय दल का गठन


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गया है.


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने और ‘‘समय गंवाए बिना’’ ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था. मंत्रालय ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि राज्य सरकार ऐसा करने में विफल होती है तो मामले को ‘‘गंभीरता’’ से लिया जाएगा. राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद हुई हिंसा में मंगलवार तक कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है.


बीजेपी ने टीएमसी समर्थकों पर लगाया आरोप


बीजेपी ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित ‘‘गुंडों’’ ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमले किए, उनके घरों में तोड़फोड़ की, दुकानों को लूट लिया और कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया.


बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को बंगाल के हिंसा प्रभावित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की थी और दावा किया था कि चुनाव बाद हिंसा में बंगाल में कम से कम 14 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है कि एक लाख के करीब लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.


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