Bengal SSC Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी की गिरफ्त में आईं बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी की कहानी भी फिल्मी है. भले ही अर्पिता मुखर्जी ने अपनी ज़िन्दगी में छोटी फ़िल्मों में छोटे किरदार अदा किए हो लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्होंने बड़े सपने देखे और उन बड़े सपनों को हासिल भी किया.


आपको जानकर ताज्जुब होगा कि अर्पिता ने बंगाल में एक पूरी फिल्म सिटी बनाने का सपना पाल रखा था. इस फिल्म सिटी के लिए उसने बंगाल के नदिया जिले में जमीन भी देख रखी थी. इस बाबत बात काफी आगे बढ़ चुकी थी. वह फिल्म सिटी बनाने के लिए कुछ लोगों से लगातार बातचीत कर रही थी.


बंगाल में फिल्म सिटी बनाने का था सपना
ईडी की पूछताछ में पता चला कि फिल्मो की दुनिया में काम करके उसको ये लगता था कि बंगाल में भी बॉलीवुड स्टाइल फिल्म सिटी होनी चाहिए. यही वजह थी कि वह नदिया जिले में फिल्म सिटी बनाने की कवायद में लगी हुई थी. हालांकि ईडी की जांच में अभी ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या इसमें अभी तक कोई जमीन खरीदी गई है या नहीं.


कैसा था अर्पिता मुखर्जी का फिल्मी सफर?
अर्पिता मुखर्जी मीडिया की सुर्खियों में तब छाईं जब साऊथ कोलकाता में उनके घर से करोड़ों रुपये मिले. सिनेमा जगत में उनको अभी तक बहुत कम लोग ही जानते थे. अर्पिता मुखर्जी को पश्चिम बंगाल में स्कूलों में नौकरी घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. वह 2008 से 2014 के बीच बंगाली और उड़िया फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय थी. उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में मॉडलिंग भी की थी.


मनोरंजन उद्योग में सीमित सफलता के बावजूद अर्पिता मुखर्जी दक्षिण कोलकाता के जोका इलाके में एक लग्जरी अपार्टमेंट की मालिक हैं.  ईडी के सूत्रों के मुताबिक वह अक्सर शहर के हुक्का बार में जाया करतीं थी. इसके अलावा वह बैंकॉक और सिंगापुर जैसी जगहों पर भी जा चुकी थी.


मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं अर्पिता
अर्पिता शहर के नॉर्थ में बेलघोरिया में एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखतीं थी और अपने कॉलेज के दिनों से ही मॉडलिंग कर रही थी. सूत्रों ने बताया कि उनके पिता की मौत के बाद उनकी शादी झारग्राम के एक व्यवसायी से हुई थी लेकिन अब उनकी शादी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. मुखर्जी ने अब तक छह उड़ीया फिल्मों में अभिनय किया है. जिनमें सुवेंदु स्वैन द्वारा निर्देशित 'बंदे उत्कल जननी' और अशोक पति की 'प्रेम रोगी' शामिल है. ये दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रहीं थी.


किन फिल्मो में कर चुकी हैं काम?
उन्होंने चंद्रचूर सिंह द्वारा सह-अभिनीत 'केमिटी ए बंधन' (2011) और अनुभव मोहंती के साथ 'मु काना एते खराप' (2010) में भी अभिनय किया. उनकी आखिरी उड़िया फिल्म 2012 में 'राजू आवारा' थी. इसके अलावा मुखर्जी ने कई बंगाली फिल्मों में भी काम किया. उनकी बंगाली फिल्मों में 'भूत इन रोजविल', 'जीना द एंडलेस लव', 'बिदेह खोजें रवींद्र', 'मामा भगने' और 'पार्टनर' थीं लेकिन उनकी कोई जानकारी 2014 के बाद से नहीं मिलती है.


अर्पिता मुखर्जी पिछले कई वर्षों से पार्थ चटर्जी के नाक तल्ला
उदयन संघ की दुर्गा पूजा की ब्रांड एंबेसडर थी. सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों और वीडियो में अर्पिता, पार्थ चटर्जी के साथ स्टेज शेयर करती हुईं दिख रही है. हालांकि केंद्रीय एजेंसियों के छापे के बाद से अर्पिता मुश्किलों में पड़ती दिखाई दे रहीं हैं.