Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में अब बस कुछ ही महीने बाकी रह गए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से अयोध्या में निर्माण कार्य को निश्चित समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए हैं. जनवरी में जब मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा तो भगवान राम के दर्शनशास्त्र और मानवीय पक्ष को भी दर्शाया जाएगा. 75 कलाकार मिलकर इस कार्य को पूरा करेंगे.


द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राम लला की मूर्ति को गृभगृह में स्थापित करने के दौरान मंदिर परिसर में एग्जीबिशन भी दिखाई जाएगी, जिसे 'राम: द मैन एंड हिज आइडिया' थीम पर तैयार किया जा रहा है. ललित कला अकादमी के कलाकारों को 2 हफ्तों के अंदर इस कार्य को पूरा करने का समय दिया जाएगा. मंदिर के उद्घाटन से पहले उन्हें यह कार्य पूरा करना होगा. 75 कलाकारों में से फिलहाल वासुदेव कामथ, धर्मेंद्र राठौड़, अद्वैत गडनायक और हर्षवर्षण शर्मा का ही नाम फाइनल हुआ है, भगवान राम को लेकर यह कलाकार प्रदर्शनी तैयार करेंगे. ललित कला अकादमी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है. 


एग्जिबिशन के बाद मंदिर परिसर में ही रहेंगी कलाकृतियां
अकादमी के अध्यक्ष वी नागदास ने बताया कि उन्होंने अयोध्या में एक बड़े कार्यक्रम की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि दशकों के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण हर भारतीय नागरिक की आकांक्षाओं की प्राप्ति है. इसका उद्देश्य रामायण के आदर्शों के माध्यम से प्रेम और सामाजिक सद्भाव के सिद्धांतों को बढ़ावा देना है. नागदास के मुताबिक, एग्जिबिशन के बाद आधी कलाकृतियों को अकादमी के स्थायी संग्रह में सजाया जाएगा, जबकि बाकी मंदिर परिसर में प्रदर्शन के लिए रहेंगी.


10-14 दिनों में तैयार की जाएगी प्रदर्शनी
वी नागदास ने बताया कि एग्जिबिशन तैयार करने वालों की फाइनल लिस्ट फिलहाल कलाकारों को र्टलिस्ट करना बाकी है. अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनी तैयार करने के लिए विभिन्न विचारों और विचारधारा वाले कलाकारों को लाने की कोशिश कर रही है. प्रदर्शनी का संचालन दिल्ली स्थित कला क्यूरेटर जॉनी एमएल करेंगे, जो ललित कला अकादमी में संपादक के रूप में भी काम करते हैं. उन्होंने बताया कि ऑन-साइट परियोजना दिसंबर के मध्य में शुरू होगी और आर्टिस्ट्स को दो ऐक्रेलिक-ऑन-कैनवास कलाकृतियां बनाने के लिए 10-14 दिनों का समय दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके कलाकारों के पास जो पौराणिक अनुभव है, उसको वह प्रदर्शनी के जरिए प्रस्तुत करेंगे. हालांकि, कलाकारों को रामायण के स्वीकृत संस्करणों के अलावा कुछ और प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं है.


अकादमी के अध्यक्ष वी नागदास खुद भी एक चित्रकार और प्रिंटमेकर हैं. पहली बार उनके नेतृत्व में अकेडमी यह मेगा प्रोजेक्ट करने जा रही है. कुछ महीने पहले उन्हें अकेडमी का प्रमुख नियुक्त किया गया था. उन्होंने पहले छत्तीसगढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में दृश्य कला संकाय का नेतृत्व किया.


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