Narayana And Sudha Love Story: इंफोसिस (Infosys) आज देश की दिग्गज आईटी कंपनियों में से एक है. इसकी स्थापना एनआर नारायण मूर्ति (N.R. Narayana Murthy) और उनके साथी इंजीनियरों ने साल 1981 में की थी. आज यानी 20 अगस्त को नारायण मूर्ति आपना जन्मदिन मना रहे हैं. उम्र के इस पड़ाव में आकर भी वह अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से आज भी उनता ही प्यार करते हैं जैसे शुरुआती दिनों में था. 


नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की लव स्टोरी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है. दोनों की लव स्टोरी पुणे स्थित टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) से शुरू हुई. साथ काम करते-करते दोनों कब एक दूसरे के प्यार में पड़ गए पता ही नहीं चला. दोनों भले ही साथ काम करते हों लेकिन दोनों की पहली बातचीत और मुलाकात एक दोस्त की पार्टी में हुई. 


इस मुलाकात के बाद दोनों में दोस्ती हो गई. दोस्ती गहरी होने के साथ ही दोनों का प्यार भी एक दूसरे के लिए बढ़ने लगा. हालांकि, इस समय पर नारायण मूर्ति एक मिडिल क्लास फैमिली के साधारण लड़के थे. पैसों के मामले में सुधा मूर्ति उनसे आगे थीं लेकिन इस सब बातों का उनके रिश्ते में जरा भी असर नहीं पड़ा. 


डेट पर जाते तो बिल पे करती थीं सुधा मूर्ति 


कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब भी नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति डेट पर यानी बाहर खाना-पीना खाने जाया करते तो सुधा ही सारे बिल भरती थीं. एक दिन नारायण मूर्ति ने उनसे देसी अंदाज में अपने प्यार का इजहार कर दिया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "मेरी हाइट 5 फुट 4 इंच है. मैं एक मध्यवर्गीय परिवार से आता हूं. मैं कभी अपनी जिंदगी में अमीर नहीं बन सकता हूं. तुम होशियार हो क्या तुम मुझसे शादी करोगी."


10 फरवरी 1978 को हुई दोनों की शादी


सुधा मूर्ति ने तो हां कर दिया लेकिन उनके परिवार को इससे इनकार था क्योंकि नारायण की तनख़्वाह भी सुधा से कम थी. इधर-उधर जाने का, खाने पीने का खर्चा भी सुधा ही उठाती थीं. ऐसे में उनके परिवार को लगता था कि उनकी बेटी के लिए नारायण सही नहीं रहेंगे. लेकिन कहते हैं न ऊपर वाला पहले से ही जोड़ी बनाकर भेजता है. सुधा के परिवार वाले भी मान गए और 10 फरवरी 1978 को बेंगलुरु में दोनों सात जन्मों के बंधन में बंध गए.  


पत्नी से उधार लेकर रखी थी इंफोसिस की नींव


सबसे दिलचस्प बात यह है कि नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) से ही 10,000 रुपये लेकर इंफोसिस (Infosys) की नींव रखी थी. नारायण मूर्ति ने एक बार खुद इस बारे में बताया था. उन्होंने बताया था कि 19 अगस्त 1976 को उन्होंने सुधा के जन्मदिन पर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. इसपर सुधा ने मुस्कुरा कर केवल ये कहा था कि जो भी उसमें रह लेंगे और उन्हें पूरा सपोर्ट करेंगी. 


नारायण मूर्ति ने साल 1981 में इंफोसिस की शुरुआत की थी. शुरुआती दिनों में वह किराए के अपार्टमेंट में रह रही थीं. इन्फोसिस के लिए उन्होंने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार रुपये उधार मांगे





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