Assam Ragging Case: असम में डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी में एक जूनियर की रैगिंग करने के आरोप में चार छात्रों को तीन साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. रैगिंग में घायल जूनियर छात्र की रीढ़ की हड्डी का गुरुवार को ऑपरेशन हुआ है. एमकॉम के फर्स्ट ईयर के छात्र ने पिछले सप्ताह अपने सीनियर्स की रैगिंग से बचने के लिए अपने हॉस्टल की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी, जिसके बाद उसके हाथ और रीढ़ में फ्रैक्चर हो गया था.


असम के शिक्षा मंत्री रानोज पेगू ने ट्वीट किया, "डिब्रूगढ़ के रैगिंग पीड़ित आनंद सरमा की रीढ़ की हड्डी की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है." उन्होंने सरमा के ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और निजी अस्पताल को धन्यवाद देते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा कि मरीज अब ठीक हो रहा है.


यूनिवर्सिटी ने 18 छात्रों को निकाला, तीन हॉस्टल वार्डन को किया सस्पेंड 


यूनिवर्सिटी ने सोमवार को रैगिंग के आरोप में 18 छात्रों को संस्थान से निष्कासित कर दिया था. डिब्रूगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिटुल चेतिया ने पीटीआई-भाषा को बताया, "अब तक रैगिंग की घटना में शामिल पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों को शरण देने वाले एक अन्य व्यक्ति पर भी कार्रवाई की गई है, वहीं, अन्य छात्रों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है."


डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि इसकी एंटी-रैगिंग कमेटी ने बुधवार शाम को एक आपात बैठक में चार छात्रों को तीन साल के लिए निष्कासित कर दिया, जिसके दौरान उन्हें किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से रोक दिया गया है. हॉस्टल में रैगिंग की घटना को रोकने में सक्षम नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय ने 'पद्मनाथ गोहेन बरुआ छात्र निवास' के तीन हॉस्टल वार्डन को भी निलंबित कर दिया है.


डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति जितेन हजारिका ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "मैंने छात्रावास के सभी तीन वार्डन को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है." एक अधिकारी ने कहा कि वार्डन की पहचान दिव्यज्योति दत्ता, अबू मुस्ताक हुसैन और पलाश दत्ता के रूप में हुई है.


छात्र ने वार्डन से की थी शिकायत


एएसपी ने बताया कि पुलिस ने तीनों वार्डन को थाने बुलाकर घटना के बारे में पूछताछ की है. कहा जा रहा है छात्र आनंद सरमा ने कुछ दिनों से विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कुछ छात्रों द्वारा रैगिंग की शिकायत कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, उनकी मां ने दावा किया है कि उन्होंने 17 नवंबर को पीएनजीबीसीएन छात्रावास के 'सी' ब्लॉक के वार्डन को एक लिखित शिकायत भी दी थी, जिसमें 10 छात्रों के नाम का जिक्र था.


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