Himanta Biswa Sarma On Rohingya: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रोहिंग्या (Rohingya) घुसपैठ को लेकर फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार (29 जुलाई) को कहा कि ये असम (Assam) के लिए खतरा नहीं है क्योंकि वे (रोहिंग्या) यहां नहीं रह रहे हैं, लेकिन वे असम को यात्रा के मार्ग के रूप में उपयोग कर रहे हैं और ये देश के लिए खतरा है.


हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि अगर कोई विदेशी नागरिक बिना पासपोर्ट और वीजा के आता है तो यह हमारी संप्रभुता के लिए खतरा है. कोई भी व्यक्ति जिसने अवैध रूप से देश में प्रवेश किया है, चाहे वह रोहिंग्या हो या गैर-रोहिंग्या, चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, घुसपैठ अवैध है और हम इसे बढ़ावा नहीं दे सकते. 


असम के मुख्यमंत्री ने और क्या कुछ कहा?


इससे पहले शुक्रवार को असम के मुख्यमंत्री ने कहा था कि बांग्लादेश के रोहिंग्या घुसपैठियों की ओर से दिल्ली या कश्मीर जाने के लिए राज्य का इस्तेमाल गलियारे के रूप में किया जा रहा है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा था कि पिछले कई सालों के दौरान बांग्लादेश से असम में घुसपैठ लगभग न के बराबर थी, लेकिन करीमगंज जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाल में कुछ गतिविधियां देखी गई हैं. 


रोहिंग्या घुसपैठ रोकने के लिए उठाए कदम


उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने इसे रोकने के लिए पहले ही कुछ कदम उठाए हैं, जबकि करीमगंज के पुलिस अधीक्षक को घुसपैठ रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने को कहा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बराक घाटी के तीन जिलों के अधिकारियों को सक्रिय रहना चाहिए और हमें केवल घुसपैठियों को ही निर्वासित नहीं करना चाहिए, बल्कि त्रिपुरा जाना चाहिए, दलालों को गिरफ्तार करना चाहिए और इस गिरोह की रीढ़ तोड़नी चाहिए.


बराक घाटी क्षेत्र के तीन जिले कछार, करीमगज और हैलाकांडी हैं. सीएम ने कहा कि असम में 400 क्राइम सीन ऑफिसर्स की नियुक्ति की जाएगी, 250 गश्ती स्टेशनों को पुलिस स्टेशनों में अपग्रेड किया जाएगा और सिलचर, डिब्रूगढ़ और बोंगाईगांव में फोरेंसिक लैब स्थापित की जाएंगी. 


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