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J&K: बांदीपुरा में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सेना का एक जवान शहीद, दो आतंकी भी ढेर
साल 2018 में अभी जून का महीना चल रहा है और इस हिसाब से ये साल अभी आधा खत्म भी नहीं हुआ है. आपको बता दें कि चार साल में कुल 71 जवानों ने देश के लिए कुर्बानी दे दी.
बांदीपुरा: जम्मू कश्मीर के बांदिपुरा में आतंकियों से मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया है. सेना ने दो आतंकी भी मार गिराए गए हैं. ऑपरेशन अभी जारी है. परसों आधी रात सीमा पर जम्मू के रामगढ़ और सांबा सेक्टर में पाकिस्तान ने सीज फायर का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की थी, जिसमें बीएसएफ के चार जवान शहीद हो गए थे.
सेना के दो जवान जख्मी
बांदीपुरा में सेना का ये ऑपरेशन पिछले छह दिनों से चल रहा था. ये ऑपरेशन शनिवार को उस वक्त शुरू किया गया था, जब सेना के एक गश्ती दल पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था. ये ऑपरेशन फिलहाल बांदीपुरा से आठ किलोमीटर दूर जंगलों में चल रहा है.
सुरक्षाबलों का कहना है कि दस से पंद्रह आतंकियों का एक ग्रुप इस इलाके में मौजूद था. माना जा रहा है कि कुछ आतंकी भागने में कामयाब रहे, लेकिन कुछ अभी भी इस इलाके में मौजूद हैं. आज हुई झड़प में सेना के दो जवान जख्मी भी हो गए हैं.
चारों जवानों का अंतिम संस्कार आज कल पाकिस्तानी फायरिंग में शहीद हुए चारों जवानों का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा. शहीद हुए 4 जवानों में 3 जवान राजस्थान के थे और एक जवान उत्तर प्रदेश से. असिस्टेंट कमांडेंट जितेंद्र सिंह ने शहादत से कुछ घंटे पहले अपने माता-पिता को ट्रेन में बैठाकर विदा किया था. राजस्थान के भरतपुर में जितेंद्र के घर अब मातम पसरा हुआ है. शहीद के पिता का कहना है कि सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाना चाहिए.#Visuals Jammu & Kashmir: One army personnel dead and two terrorists killed during an ongoing operation in Bandipora's Panar forest area. (Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/cYByGzFn6X
— ANI (@ANI) June 14, 2018
वहीं राजस्थान के अलवर के रहने वाले कांस्टेबल हंसराज के घर चार दिन पहले ही एक बच्चे का जन्म हुआ है. इस खुशखबरी के लिए हंसराज 15 जून को अपने नवजात बेटे के पास गांव जाने वाले थे, लेकिन वे अपने नवजात बच्चे का चेहरा देख पाते, उसे छू पाते इससे पहले ही वे शहीद हो गए. वहीं सीकर के रहने वाले रामनिवास के शहीद होने की खबर उनके गांव पहुंची तो पूरा गांव गमगीन हो गया. रामनिवास 1988 में बीएसएफ में शामिल हुए थे. एटा के रहने वाले जवान रजनीश की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, रजनीश के जाने के बाद उनके पीछे एक चार साल का बेटा रह गया है. मोदी सरकार के कार्यकाल में देश ने खोए 71 जवान पिछले चार सालों में जब से मोदी सरकार है, इस साल सबसे ज्यादा जवान सीमा पर सीजफायर उल्लंघन में शहीद हुए हैं. आंकड़े कुछ इस तरह हैं- साल 2014 में तीन जवान शहीद हुए. साल 2015 में 10 जवानों की शहादत हुई. वहीं 2016 में 13 जवानों ने देश के लिए अपनी जान दी. 2017 पाकिस्तानी गोलीबारी में 18 जवानों को अपनी जानें गंवानी पड़ी और 2018 में अब तक 28 जवान शहीद हो चुके हैं. गौर करने वाली बात ये है कि साल 2018 में अभी जून का महीना चल रहा है और इस हिसाब से ये साल अभी आधा खत्म भी नहीं हुआ है. आपको बता दें कि चार साल में कुल 71 जवानों ने देश के लिए कुर्बानी दे दी.Rajasthan: Mortal remains of BSF Asst. Commander Jitendra Singh brought to his native village in Bharatpur. He lost his life in ceasefire violation by Pakistan in Samba district yesterday. pic.twitter.com/oDG9Upl8Ky
— ANI (@ANI) June 14, 2018
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
Opinion