RFID Tag: श्री माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) श्राइन बोर्ड (Shrine Board) ने साढ़े तीन दशकों से चले आ रहे है माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जरूरी यात्रा पर्ची सिस्टम को खत्म कर दिया है. अब यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए आरएफआईडी टैग (RFID Tag) की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. साथ ही इस साल के अंत तक माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में श्राइन बोर्ड स्काई वॉक (Sky Walk) बना रहा है ताकि वहां भीड़ नियंत्रण में आसानी हो सके.


साल 1986 से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जरूरी यात्रा पर्ची व्यवस्था को बंद कर दी गई है. अब अगर श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दर्शन करने हैं तो उन्हें इस यात्रा पर्ची के बजाय आधुनिक आरएफआईडी टैग दिया जाएगा जिसके बिना यात्री माता वैष्णो देवी के दर्शन नहीं कर सकेंगे.


दरअसल, श्री माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में 31 दिसंबर और 1 जनवरी की दरमियानी रात को भगदड़ मच गई थी जिसमें कई श्रद्धालु मारे गए थे. इस घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए गठित कमेटी ने यात्रियों को आरएफआईडी टैग देने की हिदायत दी थी जिससे यात्रा के बेहतर संचालन में मदद मिलेगी.


इन सुविधाओं से लैस होगी यात्रा


यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड कटरा से लेकर माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर तक के 14 किलोमीटर ट्रैक पर जगह-जगह पर आधुनिक पीटीजेड कैमरा भी लगवाए है, ताकि यात्रा पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा सके. श्राइन बोर्ड का दावा है कि इन कैमरों के जरिए न केवल भीड़ नियंत्रण बल्कि आपदा प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता हो जाएगी. इसके साथ ही श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कटरा से लेकर भवन तक के 14 किलोमीटर ट्रैक को अलग-अलग जोन में बांटा है ताकि अगर किसी स्थिति में एक जोन में बहुत ज्यादा भीड़ जमा हो जाती है तो उससे पिछले वाले जून में यात्रा रोक दी जाएगी. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को और बेहतर ढंग से चलाने के लिए क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम भी लागू किया है जिससे यात्रियों को और ज्यादा सुविधाएं दी जा सकेंगी.


श्राइन बोर्ड बना रहा स्काई वॉक


श्री माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में इसी साल 1 जनवरी को एक बड़ा हादसा हुआ था और वहां भगदड़ मचने से कई श्रद्धालुओं की जान चली गई थी. इस हादसे की जांच और ऐसे हादसों को रोकने के लिए बनाएगी कमेटी के सुझाव पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड मंदिर परिसर में 200 मीटर से अधिक का स्काईवॉक बना रही है.


यह स्काईवॉक उसी जगह बनाया जा रहा है जहां यह हादसा पेश आया था. यह श्री माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर का वो इलाका है जहां न केवल माता के दर्शन करके आ रहे श्रद्धालु बल्कि माता के दर्शनों के लिए जा रहे श्रद्धालु भी एक संकरे रास्ते से होकर गुजरते हैं और इसी रास्ते पर भीड़ की वजह से यह हादसा हुआ था. अब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने दिल्ली स्कूल आफ आर्किटेक्चर के साथ मिलकर इस स्काईवॉक को डिजाइन किया है ताकि माता के दर्शन के लिए जा रहे और माता के दर्शनों के लिए आ रहे श्रद्धालु दो अलग-अलग रास्तों से जाएं और वहां भीड़ ना हो.


इस साल के अंत तक बन जाएगा दुर्गा भवन


साथ ही श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में ढाई हजार लोगों के रुकने की क्षमता वाला दुर्गा भवन भी तैयार कर रहा. परिसर की बात करें तो वहां पर यात्रियों के ठहरने की सीमित व्यवस्था है और वहां पर सीमित संख्या में ही यात्री रुक सकते हैं. ऐसे में वहां ज्यादा से ज्यादा यात्री ठहर सके इसके लिए श्राइन बोर्ड वहां इस भवन का निर्माण कर रहा है जिसका एक हिस्सा सितंबर महीने तक पूरा हो जाएगा और यह सारा भवन इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा.


घोड़ा, पोनी और पालकी की प्रीपेड सेवा


यात्रियों की शिकायतों को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) श्राइन बोर्ड (Shrine Board) ने अब माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं के लिए घोड़ा, पोनी और पालकी की प्रीपेड सेवा (Prepaid Service) भी शुरू कर दी है. माता के दर्शन के लिए जा रहे हैं यात्रियों की हमेशा से ही शिकायत रहती थी कि यात्रा के लिए इस्तेमाल होने वाले घोड़े, पोनी और पालकी वाले उनसे मनमाने दाम वसूलते थे, जिसके बाद अब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए यह प्रीपेड सेवा शुरू की है.


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